दिल्ली दंगों के मामले में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद की गिरफ्तारी के बाद सोशल मीडिया पर #StandWithUmarKhalid ट्रेंड कर रहा है।
उमर खालिद की गिरफ्तारी को लेकर विपक्षी नेताओं और बुद्धिजीवियों द्वारा मोदी सरकार की जमकर निंदा की जा रही है।
गौरतलब है कि भाजपा नेता कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर द्वारा किए गए भड़काऊ भाषणों के बाद सीएए के विरोधी और समर्थकों के बीच 24 फरवरी को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे। जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हुई थी जबकि 200 के करीब घायल हुए थे।
लेकिन दिल्ली में सांप्रदायिक दंगों की नींव रखने वाले यह दोनों विवादित नेता खुलेआम घूम रहे हैं। वहीँ संवैधानिक तौर तरीकों के साथ अपनी लड़ाई लड़ने वाले उमर खालिद समेत कई विपक्षी नेताओं और बुद्धिजीवियों को इसमें फंसाया जा रहा है।
इस मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट में लिखा- “सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव, जयति घोष और अपूर्वानंद का नाम लेने के बाद अब उमर खालिद की गिरफ्तारी से दिल्ली दंगे की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के दुर्भावनापूर्ण नजरिए को समझने में कोई संदेह नहीं बचा है। यह पुलिस की ओर से जांच की आड़ में शांतिपूर्ण कार्यकर्ताओं को फंसाने की साजिश है।”
वहीं फिल्ममेकर अश्विनी चौधरी ने लिखा- “एक तो मुसलमान, पढ़ेंगे जे॰एन॰यू॰ में, ऊपर से आवाज़ भी उठाएँगे। भाई गिरफ़्तार होना तो बनता है ना।”
प्रशांत भूषण के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर समेत कई हस्तियों ने उमर खालिद की गिरफ्तारी के खिलाफ आवाज़ उठाई है।
आपको बता दें कि उमर खालिद को पूछताछ के लिए रविवार को स्पेशल सेल के लोधी कॉलोनी वाले ऑफिस में तलब किया गया था। दिल्ली पुलिस आने वाले दिनों में उमर खालिद के खिलाफ चार्जशीट दायर करने की तैयारी में है।
इस मामले में उमर खालिद के पिता का कहना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा उनके बेटे को साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
एक तो मुसलमान, पढ़ेंगे जे॰एन॰यू॰ में, ऊपर से आवाज़ भी उठाएँगे। भाई गिरफ़्तार होना तो बनता है ना।
— DHOOPASHWINI (@DhoopAshwini) September 14, 2020