पिछले दिनों कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस और जेडीएस के विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद कुमारस्वामी की सरकार अल्पमत में आ गई थी और उन्हें अपने सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

कुमारास्वामी के इस्तीफे के बाद बीजेपी नेता येदियुरप्पा ने प्रदेश में अपनी सरकार बनाई थी। तब बीजेपी पर यह इल्जाम लगा था कि इन बागी विधायकों से पैसे के दम पर इस्तीफा दिलाया गया है।

बता दे कि कर्नाटक में अयोग्य ठहराए गए उन 17 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से आज बड़ी राहत मिली है। जहां सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को सही ठहराया है। वहीं, कोर्ट ने कहा है कि सभी 17 बागी विधायक उपचुनाव में हिस्सा ले सकेंगे। इन विधायकों के बागी हो जाने के बाद जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिर जाने के बाद बीजेपी ने राज्य में सरकार बनाई थी।

इसी साल जुलाई में कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर ने दल-बदल कानून के तहत इन 17 विधायकों को अयोग्य घोषित किया था। स्पीकर द्वारा अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में 14 विधायक कांग्रेस के जबकि तीन विधायक जेडीएस से हैं।

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कर्नाटक की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा अब यह साफ़ हो गया की कर्नाटक में भाजपा ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की चुनी हुई सरकार को पैसे के दम पर गिराया था।

उन्होंने ट्वीट कर कहा- ‘सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने कर्नाटक में ‘ऑपरेशन कमल’ के ढोल की पोल खोल दी। अब साफ़ है कि भाजपा ने जेडी(एस)-कांग्रेस की चुनी सरकार को जबरन गिराया था। येदयुरप्पा सरकार क़ानून और संविधान की दृष्टि से एक ‘नाजायज़’ सरकार है और उसे फ़ौरन बर्खास्त करना चाहिए’।

वहीं उन्होंने एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंएत्री येदयुरप्पा पर निशाना साधते हुए कहा है ‘जनमत और प्रजातांत्रिक मूल्यों की माँग है कि न केवल ‘नाजायज़’ येदयुरप्पा सरकार बर्खास्त हो पर विधायकों की धन बल के आधार पर ख़रीद कर चुनी हुई सरकार गिराने के भाजपाई षड्यंत्र की जाँच हो ‘येदयुरप्पा टेप्स’ की जाँच हो। ये सारा काला धन कहाँ से आया? भाजपा नेतृत्व की क्या भूमिका थी?

रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर भी तंज कसते हुए कहा ‘अब गेंद प्रधानमंत्री मोदी जी के पाले में है। क्या राजनीति की शुचिता की रोज़ दुहाई देने वाले मोदी जी अब ‘नाजायज़’ येदयुरप्पा सरकार को बर्खास्त करने का साहस दिखाएँगे? क्या ‘ऑपरेशन कमल’ की निष्पक्ष जाँच होगी? क्या येदयुरप्पा व श्री अमित शाह की भूमिका की जाँच होगी’?

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