भाजपा शासित मध्य प्रदेश में इस बार मानसून के दौरान बारिश से आई बाढ़ के चलते भयंकर तबाही देखने को मिली है।

बताया जाता है कि मध्यप्रदेश के श्योपुर में इतनी बड़ी तबाही के बावजूद भी जिला प्रशासन ने लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए। कई दिनों तक शहर में बिजली और इंटरनेट की सेवाएं बंद रही।

खबर के मुताबिक, मध्यप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में सत्तापक्ष और विपक्ष में काफी हंगामा देखने को मिला।

इस दौरान कांग्रेस के विधायक बाबू जांडेल ने सदन में बाढ़ प्रभावितों की मदद न किए जाने को लेकर शिवराज सरकार और प्रशासन की पोल खोली है।

शिवपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जांडेल ने आज विधानसभा में अपने कपड़े फाड़ लिए। उन्होंने शिवराज सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया है कि उनके इलाके में बाढ़ की वजह से भयंकर तबाही हुई है।

बाढ़ प्रभावितों को सरकारी मदद नहीं दी जा रही है। यहां तक कि लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े भी नहीं है। इसी के चलते उन्होंने सरकार का विरोध करते हुए अपने कपड़े विधानसभा में सबके सामने फाड़े।

आपको बता दें कि श्योपुर में आई बाढ़ में लोगों के घर और दुकाने बह गई हैं। लोगों का सामान बाढ़ में बह गया है।

इसके अलावा कुछ लोगों की मौत भी हुई है। लेकिन प्रशासन आंखें मूंद कर सोता रहा।

लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की बजाय 2 दिन तक कलेक्टर और एसपी के मोबाइल स्विच ऑफ रहे। प्राकृतिक तबाही के साथ-साथ लोगों को सरकारी मदद ना मिल पाने की वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है।

आपको बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के मानसून सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस है और भारतीय जनता पार्टी के बीच काफी बहस हुई।

जिसके बाद कांग्रेस नेता कमलनाथ की अगुवाई में पार्टी विधायकों ने नारेबाजी करते हुए विधान सभा से वॉकआउट कर दिया था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here