संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन भी मणिपुर मामले को लेकर सदन में विपक्षी पार्टियों का विरोध जारी है। सोमवार को एक बार फिर से दोनों सदनों में मणिपुर के हालात पर पीएम मोदी के बयान की मांग विपक्षी पार्टियां द्वारा की गई।

इस बीच बीजेपी सांसद मनोज तिवारी विपक्षी नेताओं के ऊपर विवादित बयान देते हुए नज़र आये।

मणिपुर में जारी हिंसा के बीच पिछले दिनों दो आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने वाला शर्मनाक वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद केंद्र सरकार और खासकर पीएम मोदी को लेकर विपक्ष जमकर सवाल कर रहा है।

अभी संसद के मानसून सत्र में भी मणिपुर मामले पर विपक्ष द्वारा भारी हंगामे के बीच पीएम मोदी से दोनों सदनों में विस्तृत बयान और उसके बाद चर्चा की मांग रखी गयी है।

इस बीच दिल्ली से बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने विपक्षी नेताओं पर आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा कि- “हमारी पार्टी के नेता सदन में मणिपुर पर चर्चा करना चाहते हैं। लेकिन साथ ही राजस्थान, झारखण्ड में भी हुए घटना पर चर्चा करना चाहते हैं।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने विपक्षी सांसदों को कहा- मैं विपक्ष के इन ‘नामर्दों’ को चुनौती देता हूँ कि वह आये और सदन में चर्चा करें।”

दरअसल सदन में विपक्षी पार्टियों का मांग है कि पीएम मोदी दोनों सदन में आये और मणिपुर मामले पर विस्तृत बयान देने के बाद सभी दलों से चर्चा करे।

वहीं अपनी इस मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने सदन के बाहर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। जिसके बाद ही बीजेपी सांसद मनोज तिवारी का पितृसतात्मक बयान सामने आया जिसमे विपक्षी नेताओं को ‘नामर्द’ कहकर उन्हें चुनौती पेश करते नज़र आये।

इसके बाद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने बीजेपी सांसद के बिगड़े बोल पर निशाना साधा है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट कर बीजेपी सांसद को जवाब में लिखा है- “सदन में प्रधानमंत्री के बयान की मांग नैतिकता है – सदन है, कोई अखाड़ा नहीं, जहां आप मर्दानगी के क़सीदे पढ़ रहे हैं। थूँकती हूँ आपकी ‘पितृसत्ता’ सोच पर। वैसे कहा ही है, तो नामर्दगी सदन छोड़ कर भागने में है। पीएम हिम्मत करें, सदन में मणिपुर पर बोले।”

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