मणिपुर में जारी हिंसा के बीच बीजेपी विधायक का एक बड़ा बयान सामने आ रहा है। जिसमें भाजपा विधायक पीएम मोदी को लेकर सवाल किया है। विधायक ने कहा- ‘मणिपुर हिंसा पर पीएम मोदी का बयान बहुत देर से आया है। साथ ही मुख्यमंत्री बिरेन सिंह भी हिंसा को रोकने में नाकाम रहे हैं।

मणिपुर हिंसा को लेकर बीजेपी विधायक ने अपने ही पार्टी के मुख्यमंत्री और पीएम मोदी पर गंभीर सवाल खड़े किये हैं।

बीजेपी विधायक पाओलीनलाल हाओकिप ने पीएम के बारे में कहा- “मणिपुर में जितने गंभीर हालात है, उसे लेकर हमने जनता के प्रतिनिधि के रूप में पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा था। लेकिन इतने बुरे हालात में भी पीएम मोदी के तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।”

मणिपुर और केंद्र दोनों जगह वर्तमान में भाजपा की सरकार है। लेकिन राज्य में जारी हिंसा को अभी तक रोकने में डबल इंजन की सरकारें नाकाम दिख रही है।

इस बीच खुद मणिपुर के भाजपा विधायक पाओलीनलाल हाओकिप का अपने पार्टी के मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल करना यह बतलाता है कि मणिपुर में अभी कितने बुरे हालात हो चुके हैं।

भाजपा विधायक ने मणिपुर पर पीएम मोदी द्वारा दिए बयान पर मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में खूब आलोचना की है।

मीडिया से बात करते हुए बीजेपी विधायक ने कहा- “मणिपुर में जारी जातीय हिंसा पर पीएम मोदी का 80 दिनों बाद दिए बयान का कोई मतलब नहीं है। 79 दिन भूल जाइये, इतने बड़े स्तर पर राज्य में हिंसा हुई और इसपर बोलने में देश के प्रधानमंत्री को 80 दिन लग गए। इतनी बड़ी हिंसा पर बोलने के लिए एक सप्ताह भी बहुत लंबा है।”

बीजेपी विधायक ने पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा को लेकर भी कहा कि- प्रधानमंत्री की अमेरिका की यात्रा से पहले भी हमसब विधायकों ने जनता के प्रतिनिधि बनकर मणिपुर हिंसा को लेकर पीएम मोदी से समय मांगा था। लेकिन उनकी प्राथमिकता में हमारा जलता हुआ राज्य मणिपुर नहीं था। उनके लिए अमेरिका जाना जरूरी था।”

साथ ही भाजपा विधायक ने कहा कि- “अंतराष्ट्रीय संबंध भी जरुरी है। लेकिन क्या जहां आपके देश में लोग मारे जा रहें हो, उन्हें छोड़ विदेश जाना जरुरी है? मणिपुर को नजरअंदाज करना बहुत बड़ी भूल है। यह मानवता के खिलाफ है।”

वहीं विधायक ने अपने राज्य के मुख्यमंत्री पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि- “राज्य में जारी जातीय हिंसा में एक पक्ष को सीएम और सरकारी तंत्र का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इसलिए अभी तक राज्य में हिंसा पर काबू नहीं पाया जा सका है।”

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