जिस तरह से देश में कोरोना का प्रकोप एक बार फिर से जानलेवा होता जा रहा है और हमारे नेता सारी जिम्मेवारियों को छोड़कर चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं, उससे जनता का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इसी जनाक्रोश का शिकार मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान हो गए।

दरअसल सीएम शिवराज दमोह में होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार करने गए थे। यहां पर व्यापारियों ने उनका जबर्दस्त विरोध किया।

सीएम शिवराज की चुनावी सभा में व्यापारियों ने तख्तियां लहराकर सवाल पूछा कि क्या चुनावी रैलियों की भीड़ पर कोरोना के नियम लागू नहीं होते ?

मालूम हो कि मध्य प्रदेश में कोरोना की बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में कर्फ्यू लगा दिया है, जिसकी वजह से पुनः व्यापारिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं।

सोमवार की शाम चुनाव प्रचार के लिए दमोह गए थे। यहां उनके विरोध में टेंट हाउस एसोसिएशन, डीजे संचालक संघ समेत अन्य कई व्यापारिक संगठनों ने चुनाव बहिष्कार के ऐलान के साथ सरकार के विरोध में तख्तियां लहराई और नारेबाजी की।

इन तख्तियों पर लिखे गए थें, शादी विवाह में है रोना, चुनाव में नहीं है कोरोना…. पेट पर पड़ रही है मार… हम करेंगे चुनाव का बहिष्कार।

इस दौरान व्यापारियों को सीएम शिवराज की सभा से हटाने के लिए पुलिस बल को काफी मशक्कत करनी पड़ी और लाठियां भी भांजनी पड़ी, हालांकि पुलिस ने बल प्रयोग की बात से इंकार किया है।

इन व्यापारियों का कहना था कि कोरोना के नाम पर सरकार हमें प्रताड़ित कर रही है। 18 अप्रैल से सरकार लॉकडाउन लगाने जा रही है, जिससे लोग बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।

इससे हमें खासा नुकसान झेलना पड़ेगा। सरकार व्यपारियों के साथ दोहरा चरित्र दिखा रही है।

चुनाव के वक्त कोई कोरोना नहीं होता लेकिन जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, सरकार अपना रंग रुप दिखाना शुरु कर देती है। पिछले साल भी हमारे साथ ऐसा ही हुआ। हम कहां जाएंगे, हम क्या खाएंगे !

मालूम हो कि पिछला पूरा साल कोरोना की वजह से लॉकडाउन की भेंट चढ़ गया था। एक बार फिर से जब 22 अप्रैल से शादी विवाह के शुभ मुहूर्त प्रारंभ हो रहे हैं, सरकार एक बार फिर से लॉकडाउन लगाने जा रही है।

ऐसे में शादी विवाह के कारोबार से जुड़े व्यवसायियों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ सकता है।

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