समय बेहद विपरीत चल रहा है। जिस धर्म के नाम पर लोग लड़ने, मरने और एक दूसरे की बर्बाद करने पर उतारु रहते थे, अब वही धर्म के ठेकेदार मरने के बाद लाशों के साथ कैसे व्यवहार कर रहे हैं,

इसका पता ऐसे चल रहा है कि बिहार के बक्सर में गंगा नदी में 100 से ज्यादा लाशों को उतराते हुए देखा गया है। माना जा रहा है कि ये लाशें कोरोना से मरने वालों की है।

कोरोना संक्रमण से मरने वालों की लाशें परिजन लेने कोे तैयार नहीं है। ऐसे में प्रशासन कोविड नियमों का पालन करते हुए लाशों का अंतिम संस्कार करवाती है लेकिन बक्सर में गंगा नदी में जिस तरह से 100 से ज्यादा लाशें उतराती हुई नजर आ रही है, वो अमानवीय तो है ही, सरकारी इंतजामों की पोल भी खोल रहा है।

यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी वी ने एक न्यूज चैनल के वीडियो क्लिप को ट्वीटर पर साझा किया है, जिसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि लाशें गंगा नदी में तैर रही हैं और हिलोरों के साथ साथ ये पानी के उपर आ जा रही हैं।

श्रीनिवास ने इस पर लिखा है कि “बिहार में कोविड से मरने वाले 100 से ज्यादा लोगों की लाशों को गंगा में बहा दिया गया ? क्या ये एक्ट ऑफ गॉड है?”

जाहिर तौर पर ये शासन और प्रशासन की जवाबदेही है कि ऐसे लाशों का ठीक तरीके से क्रियाकर्म हो जाना चाहिए लेकिन सरकारी तंत्र इस पर ध्यान नहीं दे रहा और लाशों को जलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले की बू आने लगी है यानी आपदा में भी अवसर तलाश लिया गया है।

वहीं एक दूसरा तथ्य यह भी निकल कर सामने आ रहा है कि सरकार आंकड़ों से खेल रही है। कई लोगों का मानना है कि कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या जानबूझ कर घटा कर बताई जा रही है।

कई दिनों से श्मशान में जलने वाली चिताओं से सरकारी झूठ का पर्दाफाश हो रहा था, ऐसे में लाशों को नदी में फेंकने की तरकीब अपनाई गई है।

मालूम हो कि बक्सर बिहार और यूपी का बॉर्डर भी है, इसलिए ये लाशें इन्हीं दोनों राज्यों में से कहीं की होंगी !

बक्सर में गंगा नदी के किनारे बसे इलाकों के लोगों का ये दृश्य देखकर जीना दूभर हो गया है। स्थानीय लोग बता रहे हैं कि गंगा नदी के आसपास का नजारा बेहद वीभत्स हो गया है।

लाशें तैर कर नदी के किनारे आ जा रही हैं। गिद्ध और कुत्ते नोंच नोंच कर इन लाशों को खा रहे हैं। कोई इनकी सफाई अथवा जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है।

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