सुदर्शन न्यूज़ के एडिटर इन चीफ़ सुरेश चव्हाणके ने दो दिन पहले ही सिविल सेवा में मुस्लिम समुदाय के छात्रों के जाने पर एक प्रोमोशनल वीडियो पोस्ट किया है। इस पोस्ट में उन्होंने मुसलमानों के लिए ‘नौकरशाही जिहाद’ और ‘UPSC Jihad’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है।

इस मामले में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं, आईएएस अधिकारियों और आईपीएस अफसरों ने आपत्ति जाहिर की है। उन्होंने सुरेश चव्हाणके के खिलाफ मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।

वहीँ जामिया यूनिवर्सिटी ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर सुदर्शन न्यूज चैनल और सुरेश चव्हाणके के खिलाफ यूनिवर्सिटी की छवि को धूमिल करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की है।

अब खबर सामने आ रही है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बड़ी कार्रवाई की है। खबर के मुताबिक, दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज टीवी के उस ट्रेलर के ब्रॉडकास्ट पर रोक लगा दी है। जिसमें हैशटैग यूपीएससी जिहाद के साथ सिविल सर्विस में मुसलमानों की घुसपैठ जैसी बाते बोलकर नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है।

जामिया यूनिवर्सिटी की छवि धूमिल करने और मुस्लिम छात्रों के बारे में जहर उगलने के मामले में सुरेश चव्हाणके के खिलाफ जामिया के मौजूदा और पूर्व छात्रों द्वारा याचिका दायर की गई है।

आपको बता दें कि 26 अगस्त को सुरेश चौहान के द्वारा उनके शो बिंदास बोल का एक ट्रेलर ट्वीट किया गया था। जिसमें जामिया रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी (आरसीए) से पास होकर यूपीएससी क्लियर करने वाले छात्रों को “जामिया के जिहादी” बताया था।

गौरतलब है कि इस बार आरसीए के 30 छात्रों ने यूपीएससी क्लियर किया है। जिनमें से 16 मुस्लिम और 14 हिंदू हैं।

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