भाजपा नेता कपिल मिश्रा के भड़काऊ बयान से अबतक 15 लोगों की जान जा चुकी है। करीब 150 लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। इसके अलावा करोड़ों की संपत्ति दंगे की आग में जलकर ख़ाक हो चुकी है।
दिल्ली शहर की फिज़ा में ज़हर घोलकर कपिल मिश्रा शायद सत्ता में होने की वजह से कानून की गिरफ्त से बाहर है। इसकी बानगी आज दिल्ली हाईकोर्ट में भी देखने को मिली। दिल्ली पुलिस से जब दिल्ली हिंसा पर सवाल पूछा गया तो वह कपिल मिश्रा के भड़काऊ वीडियो को नज़रअंदाज करती दिखी।
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दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस मुरलीधर ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि, क्या आपने कपिल मिश्रा, प्रवेश वर्मा और अनुराग ठाकुर का वीडियो देखा है ? दिल्ली पुलिस ने कहा कि, हमने कपिल मिश्रा का कोई वीडियो नहीं देखा है ?
इसपर जस्टिस ने कहा- आर यू सीरियस ? जिसके बाद दिल्ली पुलिस को कपिल मिश्रा का पूरा वीडियो दिखाया गया जिसमे खुद दिल्ली पुलिस के डीसीपी मौजूद है।
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कोर्ट ने कड़ा एतराज जताया। और भाजपा नेताओं के भड़काऊ बयान पर FIR दर्ज करने को कहा। दिल्ली पुलिस की इस भूमिका पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। क्या दिल्ली पुलिस निष्पक्ष नहीं रह गई है।
आपको बता दें कि, दिल्ली हिंसा पर कई ऐसे वीडियो आ रहे हैं जिसमें दिल्ली पुलिस दंगाईयों के साथ खड़ी नजर आ रही है। पत्थरबाजी कर रही है। प्रदर्शनकारियों पर बेरहमी बरपा रही है।