मोदी सरकार के अबतक कार्यकाल को देखें तो डिजिटल इंडिया को खासा महत्व दिया है। जिसे सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी के पुख्ता इंतजाम भी किये गए, मगर नतीजा जीरो। डिजिटल इंडिया के ताजा हालत ये है की पिछले पांच महीनों में भारत की 25 सरकारी वेबसाइट हैक हो चुकी हैं।

दरअसल इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में इस मामले पर खुद ये जानकारी दी है। उन्होंने अपने लिखित जवाब में कहा है कि इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) की ओर से ट्रैक व रिपोर्ट का हवाला दिया है।

अब तक की जानकारी के अनुसार 2016, 2017, 2018 और 2019 (मई तक) में केंद्रीय मंत्रायलों/विभागों और राज्य सरकारों की 199, 172, 110 और 25 वेबसाइट्स हैक हुईं। मतलब ये की पिछले चार सालों में अबतक 506 वेबसाइट को हैक करने में हैकर सफल रहें है, ये सच्चाई डिजिटल इंडिया की पोल खोलती है।

ऐसा नहीं है की वेबसाइट हैक होती रही और सरकार ने कुछ किया नहीं। रविशंकर प्रसाद ने इस बारें में जानकारी देते हुए लिखा कि साइबर दुनिया वर्चुअल और बॉर्डरलेस है। इसलिए साइबर हमले कहीं से भी, किसी समय, किसी भी व्यक्ति की तरफ से हो सकता है।

साइबर हमले से बचने के लिए सरकार ने कई पुख्ता कदम उठाए हैं। देश में साइबर सिक्युरिटी को और मजबूत बनाने के कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक और इससे जुड़ी सेवाओं के विस्तार के साथ ही साइबर अटैक की घटनाएं दुनियाभर में एक बड़ी समस्या बन गई हैं।

उन्होंने आगे ये भी लिखा कि सरकार ने नेशनल क्रिटिकल इन्फार्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन सेंटर (NCIIPC) की स्थापना देश में महत्वपूर्ण जानकारियों की बुनियादी व्यवस्था को सुरक्षित रखने के लिए की है। आईटी एक्ट 2000 के सेक्टर 70ए के तहत यह व्यवस्था की गई है।

प्रसाद ने जानकारी देते हुए लिखा कि इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (CERT-In) ए​क नियमित अंतराल पर साइबर से जुड़े खतरों का अलर्ट और उनके बचाव के उपायों पर परामर्श जारी करती है। यह संगठन सुरक्षित आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए भी दिशानिर्देश जारी करती है।

ऐसे में सवाल उठता है की मौजूदा सरकार जिसका ये दूसरा कार्यकाल है उसने हैकिंग से बचने के लिए क्या किया? मगर मोदी सरकार ने डिजिटल इंडिया योजना को प्रोत्साहित करने के लिए बजट 2019 में कई प्रावधान किए हैं।

इनमें व्यापारिक प्रतिष्ठान जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से अधिक है उनको अपने ग्राहकों को ऐसी डिजिटल भुगतान प्रणाली का प्रयोग करना होगा जिसमें लागत कम आए। इसका प्रावधान बजट में किया गया है। क्या सरकार ने हैकिंग से बचने के लिए कुछ कदम उठाए है?

देश के मशहूर वकील व साइबर एक्सपर्ट डॉ. पवन दुग्गल के अनुसार देश में इस साल करीब 10 मिलियन डॉलर की वित्तीय चोरी की आशंका है और विश्व स्तर पर इसका आंकड़ा दो खरब डॉलर से ज्यादा का है। इसका मुख्य कारण देश में अपना साइबर अपराध कानून का न होना है।

अभी साइबर अपराधों को आईटी एक्ट में कवर किया जाता है। यह जमानती अपराध हैं और तीन साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है। ऐसे में सख्त और मजबूत साइबर कानून बनाए जाने की जरूरत है।

साभार- फाइनेंसियल एक्सप्रेस 

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