digvijaya singh
Digvijaya Singh replied army chief Bipin Ravat on his statement

नागरिकता कानून का विरोध करने वाले नेताओं को निशाना बनाने का सिलसिला लगातार जारी है। अब भारतीय आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम में सीएए का विरोध करने वाले नेताओं के बारे में कहा कि,“भीड़ को दंगे के लिए भड़काना कोई लीडरशिप नहीं है”।

उन्होंने कहा- नेता वो होते हैं जो लोगों को सही दिशा में ले जाते हैं। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्र विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे हिंसा बढ़ रही है। ये लीडरशिप नहीं है।

सेना प्रमुख के इस बयान पर एआईएमआईएम चीफ और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने जवाब देते हुए कहा कि “लीडरशिप का मतलब ये भी होता है कि लोग अपनी मर्यादा को न तोड़े, यह नागरिक वर्चस्व के विचार को समझने और उसकी अखंडता को इकट्ठा करने के लिए है जिसका आप नेतृत्व करते है”।

वही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) ने कहा कि ‘मैं जनरल साहब की बात से सहमत हूँ लेकिन नेता वह नहीं जो अपने नागरिको को सांप्रदायिक नरसंहार में लिप्त होने दे।’

जनरल रावत का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पूरे देश में नागरिकता कानून का विरोध करने वालों को गोलियां मारी जा रहा है और सेना प्रमुख नेताओ पर दंगे भड़काने का आरोप लगा रहे है जो साफ़ ज़ाहिर करता है की जनरल रावत का ये बयान सरकार के दबाव में आया हैं।

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