यूक्रेन की राजनधानी कीव की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार, रुस की सेना राजधानी कीव के लिए कूच कर चुकी है.
अब यहां पर मुश्किल हालात में फंसे भारतीय छात्रों के लिए भारत सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है.
इस एडवाइजरी में भारतीय छात्रों को कहा गया है कि वो जितनी जल्दी हो सके कीव को छोड़ दें.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रुस ने एक बड़ा मिलिट्री बेड़ा कीव की ओर रवाना कर दिया है. ऐसे में इमरजेंसी जैसी एडवाइजरी जारी करते हुए भारत सरकार ने भारतीय छात्रों से अपील की है कि हर हाल में आज कीव छोड़ दें.
इस एडवाइजरी की सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि इसमें कहा गया है कि जिसे जो भी साधन मिले, वो पकड़ कर कीव से हट जाए.
अब इस एडवाइजरी का निष्कर्ष यह है कि भारत सरकार ने अपने लोगों का हाथ छोड़ दिया है. जिसे जो मिले, जैसे मिले… कीव छोड़ दे.
इस एडवाइजरी को पढ़ने सुनने के बाद वहां पर मुश्किल हालातों का सामना कर रहे भारतीयों पर क्या गुजरेगी, इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है.
जाने माने पत्रकार प्रो दिलीप मंडल ने इस एडवाइजरी पर भारत सरकार पर जमकर प्रहार किया है.
उन्होंने ट्वीट किया है कि इस तरह से भारत के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में फंसे भारतीय स्टूडेंट्स को आत्मनिर्भर बना दिया है. बच सको तो बच लो. मेरी प्रार्थना उन स्टूडेंट्स के लिए. आप भी प्रार्थना कीजिए.
भारत के विदेश मंत्रालय ने इस तरह यूक्रेन में फँसे भारतीय स्टूडेंट्स का “आत्मनिर्भर” बना दिया। बच सको तो बच लो। मेरी प्रार्थना उन स्टूडेंट्स के लिए। आप भी प्रार्थना कीजिए। https://t.co/PFG7oGd2Wg
— Dilip Mandal (@Profdilipmandal) March 1, 2022
विदेश मंत्री एस जयशंकर को टैग करते हुए प्रो दिलीप मंडल ने कहा कि यूक्रेन संकट एक दिन का नहीं है. विदेश मंत्री एस जयशंकर में थोड़ी सी भी शर्म बची है तो इस्तीफा दे दें.
बाकी दूसरे देश के नागरिक भी यूक्रेन में फंसे हुए थे, उनके साथ ये संकट क्यों नहीं आया !
आपको जानकारी दे दें कि जिस वक्त यूक्रेन पर रुस ने हमला किया था, उस वक्त करीब 20 हजार छात्र यूक्रेन में मौजूद थे. अब तक 4 हजार छात्रों को भारत बुला लिया गया है.
अब भी लगभग 16 हजार भारतीय छात्र वहां पर फंसे हुए हैं. वहां पर फंसे हुए भारतीय लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय मीडिया पर हमलावर हैं.
वहां पर फंसे भारतीय छात्रों का सीधे आरोप है कि दुनिया के दूसरे जितने देशों के छात्र यूक्रेन में फंसे हुए थे, उनके साथ उनकी सरकार खड़ी थी लेकिन हमारी भारत सरकार ने हमें मरने के लिए छोड़ दिया.
भारत की मीडिया पर भी छात्रों ने प्रहार करते हुए कहा कि भारतीय मीडिया चाटुकारिता में झूठ बोल रही है.
भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को हमारी कोई परवाह नहीं है और न्यूज चैनल वाले हमारी खबर न दिखाकर झूठमूठ को सरकार की वाहवाही परोस रहे हैं.