ऐसा लगता है कि भारतीय लोकतंत्र अब गधे की पीठ पर सवार हो चुका है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने तो हद कर दिया है। लगातार चुनाव आयोग की लापरवाही और बेईमानी की खबरें आ रही हैं।

देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं और चुनाव आयोग के एक से बढ़कर एक कारनामे सामने आ रहे हैं।

अब नया मामला तमिलनाडु से आया है, जहां पर गधों पर लाद कर ईवीएम मशीनें मतदान केंद्र तक ले जाईं जा रही हैं।

मालूम हो कि तमिलनाडु डिंडीगुल जिले के नाथम इलाके में आज मतदान है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो ट्वीटर पर जारी किया है जिसमें दिखाया जा रहा है कि ईवीएम मशीनों एवं अन्य चुनाव सामग्रियों को गधे पर लाद कर मतदान केंद्र तक ले जाया जा रहा है।

चुनाव आयोग की इस कार्यशैली पर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं। खास तौर से ईवीएम मशीनों को लेकर चुनाव आयोग इस बार कठघरे में है।

इसके पहले असम विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान संपन्न होने के बाद संदिग्ध अवस्था में ईवीएम मशीनें भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी में बरामद किया गया था। मामले के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी।

असम में ही एक और मामला देखने को मिला जब एक मतदान केंद्र पर महज 90 वोटर थें और वोटिंग 181 लोगों ने कर दी। इस घटना के सामने आने के बाद भी कुछ कर्मचारियों और अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया।

एक पार्टी और उसके गठबंधन को जीताने के लिए चुनाव आयोग हर तरह के पैंतरे आजमा रहा है और मामले जब सामने आते हैं तो छोटे कर्मचारियों पर गाज कर यह दिखाने की कोशिश होती है कि ये मामूली सी लापरवाही थी।

वहीं अब गधे पर ईवीएम मशीनें ढोने के मामले में भी लोगों की तरह तरह की प्रतिक्रियाएं देखने सुनने को मिल रही हैं।

पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा- डियर चुनाव आयोग, भाजपा विधायक की कार यहां उपलब्ध नहीं थी?

विश्व भर में भारत की पहचान उसके लोकतंत्र के लिए होती है लेकिन इस पहचान को ध्वस्त करने पर हमारी केंद्रीय सरकार और चुनाव आयोग आमादा है।

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