असम में भाजपा प्रत्याशी की गाड़ी में संदिग्ध रुप से ईवीएम पकड़े जाने के बाद चुनाव आयोग ने 4 निर्वाचन अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है।

इसके साथ ही उन मतदान केंद्रों पर दोबारा से चुनाव कराने का निर्णय चुनाव आयोग ने ले लिया है।

वहीं कांग्रेस चुनाव आयोग के इस फैसले से संतुष्ट नहीं है।कांग्रेस भाजपा उम्मीदवार का नामांकन रद्द करने की मांग कर रही है।

चुनाव आयोग ने बताया है कि एक पोलिंग पार्टी की गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया था। गाड़ी में 1 पीठासीन पदाधिकारी और 3 चुनाव कर्मचारी थें। उनके साथ दो पुलिसकर्मी भी थें।

वहां से गुजर रही एक गाड़ी से उन्होंने मदद मांगी और ईवीएम के साथ उस गाड़ी पर सवार हो गए। उन्होंने गाड़ी के कागजात वगैरह चेक नहीं किए जबकि वो गाड़ी भाजपा प्रत्याशी की थी।

चुनाव आयोग ने आगे बताया कि जैसे ही ये गाड़ी करीमगंज के करीब पहुंची, वहां कनईशील नामक इलाके में लगभग 50 लोगों ने गाड़ी को घेर लिया और उस पर पथराव शुरु करना दिया। लोगों ने पोलिंग पार्टी के साथ गाली गलौज शुरु कर दिया।

वहां उपस्थित लोग बेहद गुस्से में थें क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उनके वोटों के साथ हेराफेरी हो रही है। पोलिंग पार्टी पब्लिक की भीड़ से डर गई थी और उन्होंने सेक्टर ऑफिसर को सारी बातों की सूचना दी।

पोलिंग पार्टी ने बताया कि गाड़ी पर चढ़ते वक्त उन्होंने कागजातों की जांच नहीं की गई और बाद में पता चला कि वो गाड़ी पत्थराखंडी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी कृष्णनेंदु पॉल की है।

इसके बाद से मामला सोशल मीडिया के जरिए मीडिया में आया और हंगामा शुरु हो गया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस वीडियो को ट्वीट करते हुए सवाल उठाया और कहा कि इलेक्शन कमीशन की गाड़ी खराब, भाजपा की नीयत खराब और लोकतंत्र की हालत खराब!

वहीं इस मामले पर देश भर से तरह तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं और लोगों ने एक बार फिर से ईवीएम पर सवाल उठाने शुरु कर दिए हैं।

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