बीते साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों का विरोध दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर लगातार किया जा रहा है। हाल ही में इस किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो चुके हैं।

सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक जितनी भी बातचीत हुई है। उससे कोई हल नहीं निकल पाया है।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू होने के बाद से सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई है।

मोदी सरकार के कई मंत्री किसानों को मनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून की मांग पर अड़े हुए हैं।

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत कई बार यह बात कह चुके हैं कि जब तक केंद्र सरकार किसानों की मांगों को नहीं मानेगी। आंदोलन बंद नहीं किया जाएगा। फिर चाहे यह आंदोलन साल 2024 तक क्यों ना चलाना पड़े।

अब किसान नेता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर मोदी सरकार को चेतावनी दे डाली है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “सरकार मानने वाली नहीं है। इलाज तो करना पड़ेगा। ट्रैक्टरों के साथ अपनी तैयारी रखो। जमीन बचाने के लिए आंदोलन तेज करना होगा। #FarmersProtest

 

गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में लगभग 40 किसान संगठनों के प्रदर्शनकारियों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है। 26 जून को किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की पुण्यतिथि आने वाली है।

ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किसान आंदोलन को तेज किया जाएगा।

केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों द्वारा किए जा रहे इस आंदोलन में प्रदर्शनकारियों को कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों का समर्थन भी मिल रहा है।

आपको बता दें कि मोदी सरकार कृषि कानूनों को रद्द करने से कई बार साफ इनकार कर चुकी है।

सरकार का कहना है कि अगर किसान इन कानूनों में किसी तरह का संशोधन जाते हैं। तो बातचीत के जरिए हल निकाला जा सकता है।

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