प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान आंदोलन पर बीते साल से ही चुप्पी साधे रखी। लेकिन कल राज्यसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने अपील की है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को खत्म किया जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राज्यसभा में दिए गए भाषण पर किसान नेता शिवकुमार शर्मा ने प्रतिक्रिया जाहिर की है।

उन्होंने कहा है कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सम्मान करते हैं। मेरी उनसे यह प्रार्थना है कि बीते साल से शुरू हुए किसान आंदोलन में अब तक 200 किसान शहादत दे चुके हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने किसानों की शहादत पर आंसू बहाना तो दूर श्रद्धांजलि तक नहीं दी है। किसानों की मौत पर किसी ने भी दुख व्यक्त नहीं किया है।

एक राज्यसभा सांसद द्वारा उसका कार्यकाल पूरा करना कोई कठोर काम नहीं है। राज्यसभा से सांसद आते जाते रहते हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे मामले में कोई प्रधानमंत्री भावुक नहीं होता है। अगर राज्यसभा के एक सदस्य के विदाई समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए।

दूसरी तरफ जो किसान आंदोलन पर बैठे हुए हैं। उनका पानी बिजली तक काट दिया गया। उनके लिए सीमाओं पर लोहे के सरिए लगा दी गई।

किसानों के लिए अपमानजनक शब्द कहे गए। 75 दिनों से चल रहे इस किसान आंदोलन में कई युवा और बुजुर्ग किसान शहीद हो चुके हैं।

इस पर प्रधानमंत्री ने एक भी भावनात्मक शब्द नहीं कहा है। अगर वह ऐसा करते तो किसानों को भी लगता कि पीएम मोदी हमारे हैं उन्हें हमारी चिंता है।

किसान नेता शिवकुमार शर्मा का कहना है कि किसान शुरुआत से ही बातचीत के लिए तैयार थे और आज भी हम वार्तालाप के लिए बिल्कुल तैयार हैं।

पीएम मोदी कह रहे हैं कि वह किसानों से सिर्फ एक फोन कॉल दूर है। लेकिन हम उन से कैसे बात करें जब हमें उनका फोन नंबर नहीं पता है।

संसद में आप कितना भी बोलने की बातचीत के लिए सरकार तैयार है। वहां से बोलने का कोई अर्थ नहीं है। जब तक किसान संगठनों को बुलाया नहीं जाता।

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