केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार देश का विकास भारत के लोगों के लिए महंगाई और बेरोजगारी बनाकर कर रही है।

बीते कई महीनों से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार इजाफा किया जा रहा है। पेट्रोल, डीजल के कारण रोजमर्रा की जिंदगी का सामान महंगा हो रहा है।

दूसरी तरफ सरकार ने रसोई गैस के कीमतें भी बढ़ा दी है। जिसका मतलब है कि गरीब परिवार के लिए खाना कमाना, खरीदना और अब बनाना भी महंगा हो गया है।

खबर सामने आई है कि रसोई गैस के दाम 15 दिनों में दूसरी बार बढ़ा दिए गए हैं। अब बिना सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 25 रुपए बढ़ाई गई है।

सरकार द्वारा बढ़ाए गए इन दामों के बाद अब रसोई गैस सिलेंडर का दाम 884 रुपए हो गया है। इससे पहले 18 अगस्त को भी सरकार द्वारा गैस सिलेंडर की कीमतों में 25 रुपये का इजाफा किया था।

इस मामले में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि रसोई गैस के दाम में आज 25 रूपये का फिर विकास हुआ है, लग रहा है मोदी जी 1000 का ऑंकड़ा जल्द ही पार कर देंगे।

पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने लिखा- मोदी सरकार ने आमजन का ‘तेल’ निकाल दिया और ‘गैस’ भी। प्याज खाती नहीं,खाना बनाती नहीं इसलिए महंगाई का वित्तमंत्री जी पर असर नहीं।

ये है देश का #Jio लूट मॉडल- पहले इंटरनेट फ्री,बाद में लूटते रहो। गरीब को गैस कनेक्शन फ्री दो, फिर दाम बढ़ाते जाओ अर्थात धोखे से लूटो।

गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा हर महीने कीमतों में बढ़ोतरी किए जाने के चलते रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी को भी खत्म कर दिया गया है।

साल 2020 तक सरकार ने रसोई गैस की कीमतों में लगातार इजाफा कर सब्सिडी खत्म कर दी थी।

मोदी सरकार के पहले कार्यकाल से लेकर अब तक रसोई गैस की कीमतें दोगुनी हो चुकी है। जो रसोई गैस साल 2014 में 410 रुपए की थी। आज वो 884 रुपए हो चुकी है।

इसे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार किन समस्याओं से जूझ रहे होंगे।

मोदी सरकार ने जनता के ‘अच्छे दिन’ लाने की जगह उन्हें गरीबी और भुखमरी की तरफ धकेलने का काम किया है।

देश में लगातार बढ़ रही महंगाई के कारण मोदी सरकार कि विपक्षी दलों के साथ-साथ अब आम जनता द्वारा भी आलोचना की जा रही है।

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