18 साल के शिवराज शासन में सरकारी स्कूल की जो तस्वीर सामने आई है वो शर्मनाक है. गुना के एक सरकारी स्कूल में छात्राएं यूनिफॉर्म पहनकर शौचालय साफ़ कर रही हैं.

घर से पढाई के लिए तैयार होकर स्कूल आईं छात्राओं से शौचालय साफ़ करवाया जा रहा है. तस्वीरें वायरल हुईं तो हंगामा खड़ा हो गया.

गुना के चकदेवपुर गांव के प्राथमिक माध्यमिक स्कूल की छात्राओं की तस्वीर वायरल हो रही हैं. तस्वीरों में साफ़ नज़र आ रहा है कि वो स्कूल यूनिफॉर्म पहनकर शौचालय साफ़ कर रही हैं. ये छात्राएं 5वीं और 6वीं क्लास की हैं.

हाथों में झाड़ू लेकर टॉयलेट साफ़ करती हुईं छात्राओं की तस्वीर मीडिया में छाई हुई है. ये बच्चियां यूनिफार्म पहनकर आईं तो थी पढाई करने के लिए लेकिन उसके पहले उन्हें स्कूल का शौचालय साफ़ करना पड़ रहा है. इसके लिए बाहर से लगे हैंडपंप से पानी भी लाना पड़ता है.

चकदेवपुर के एक ही परिसर में प्राइमरी और मिडिल स्कूल है. जिस समय छात्राएं शौचालय साफ़ कर रही थी उस समय प्रधानाध्यापिका इंदिरा रघुवंशी स्कूल में मौजूद नहीं थीं.

शिक्षिकाओं ने बताया कि वो मीटिंग में गुना गई है. मीडिया ने जब बच्चियों से शौचालय साफ़ करने का कारण पूछा तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया.

गुना ज़िले के 2311 सरकारी स्कूलो में 4700 से ज़्यादा शौचालयों की ज़रूरत है जिसमें से सिर्फ़ 890 ही चालू हालात में हैं. ज़िला शिक्षा केंद्र के मुताबिक ज़िले में 125 शौचालयों की मरम्मत के लिए 25 लाख स्वीकृत हैं.

ज़िले के कलेक्टर ने कहाकि वो इस मामले की जांच कराएंगे कि छात्राएं शौचालय क्यों साफ़ कर रही थी. उन्होंने ज़िम्मेदार अधिकारियों को निरीक्षण पर भेजने का आश्वासन भी दिया.

वहीं बीईओ श्याम कुमार वशिष्ठ ने कहाकि ये सरासर गलत है, हम कल ही नोटिस देकर कारण पूछेंगे.

वहीं बीआरसीसी ने कहाकि सफ़ाईकर्मी की व्यवस्था पंचायत की होती है. अगर छात्राएं शौचालय साफ़ कर रही हैं तो वो गलत है.

सरकारी स्कूलों से छात्राओं की ये तस्वीरें पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ी कर रही हैं. पहले तो सरकारी स्कूलों में शौचालयों की स्थिति बेहद खराब है ऊपर से जहां छात्राओं के लिए शौलाचय की व्यवस्था है वहां से इस तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं.

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