देश में चल रहे राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन के समर्थन में अब विपक्षी पार्टियों के नेताओं के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता भी बोलना शुरू हो गए हैं।

किसान आंदोलन के समर्थन में भाजपा के कई सहयोगी दल पार्टी से गठबंधन तोड़ चुके हैं। जनवरी के महीने के बाद मोदी सरकार और किसान संगठनों के बीच अबतक दोबारा कोई बैठक नहीं हुई है

अब मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने अपनी ही पार्टी को किसान आंदोलन के मुद्दे पर घेरा है। उन्होंने भारत में किसानों की हो रही दुर्दशा को लेकर नाराजगी जाहिर की है।

इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार को यह चेतावनी भी दी थी कि अगर किसानों को दिल्ली से अपमानित करके भेजा गया। तो यह बात वह 300 साल तक नहीं भूलेंगे।

इसके अलावा उन्होंने किसानों द्वारा उठाई गई मांगों को भी पूरा करने की बात कही थी।

अब उन्होंने कहा है कि कुतिया भी मर जाती है तो उसके लिए भी हमारे नेताओं का शोक संदेश आता है, लेकिन 250 किसान मर गये लेकिन अब तक कोई बोला भी नहीं। ये सब मेरी आत्मा को दर्द देता है।

इससे पहले भी मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक मोदी सरकार को चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि केंद्र में बैठी सरकार गलत रास्ते पर जा रही है।

वह किसानों को हरा नहीं पाएंगे। सत्ता के अहंकार में किसानों के साथ ज्यादती बिल्कुल ना की जाए। उनकी मांगे जायज है। सरकार को इन्हें मान लेना चाहिए।

गौरतलब है कि बीते साल नवंबर के महीने में शुरू हुए किसान आंदोलन में अमिता को सैकड़ों किसानों की जान जा चुकी है। लेकिन देश के प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह ने इस मामले में अभी तक एक बार भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

जबकि देश और विदेश के अन्य मामलों पर पीएम मोदी ट्विटर पर मुखर होकर अपनी प्रतिक्रिया देते हैं।

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