![Harsimrat Kaur](https://boltahindustan.com/wp-content/uploads/2021/07/Harsimrat-Kaur-696x299.jpg)
संसद के दोनों सदनों में चल रहे मानसून सत्र के दौरान मोदी सरकार किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने से भाग रही है।
जिसके चलते कल विपक्षी दलों के नेताओं ने एकजुट होकर बैठक की थी इस बैठक में मोदी सरकार को कई मुद्दों पर सवालों के कटघरे में खड़ा किया गया
इसी कड़ी में आज शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा है कि यह सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करना ही नहीं चाहती है।
उन्होंने कहा है कि सदन को चलाना सरकार की जिम्मेदारी होती है। इस वक्त सारा विपक्ष एक साथ खड़ा होकर 2 मुद्दों पर चर्चा किए जाने की मांग कर रहा है। एक तो किसानों के मुद्दे पर बात की जाए और दूसरी पेगासस जासूसी मामले पर।
बीते 9 दिनों से हम इन मुद्दों पर चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है।
यह सरकार अन्नदाता विरोधी सरकार है। देश में किसान मर रहे हैं और यह सरकार बयानबाजी कर रही है कि कोई किसान नहीं मर रहा है।
अगर हम कोरोना महामारी के मुद्दे पर चर्चा करें तो यह सरकार कहती है कि ऑक्सीजन की कमी से देश में कोई भी नहीं मरा है।
सदन को सरकार ने मजाक बनाकर रख दिया है। यह देश के अन्नदाताओं का ही नहीं। बल्कि संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ बीआर अंबेडकर का भी अपमान कर रहे हैं।
संविधान माथा टेकने के लिए नहीं बनाया गया। बल्कि इसे जिंदा रखना सरकार का दायित्व होता है। यह सरकार नेताओं की जासूसी करवा रही है।
किसान विरोधी कानून लागू कर पूँजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। इसी वजह से यह संसद में चर्चा से भाग रहे हैं। यह सदन का और संविधान का अपमान है।
आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर ने बीते साल मोदी सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद से वह खुलकर इस मुद्दे पर खुलकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रही हैं।