संसद में चल रहे मानसून सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मुद्दों में बहस चल रही है। जिनमें कृषि कानून, पेगासस जासूसी मामला, बढ़ रही महंगाई और कोरोना महामारी के मुद्दे शामिल है।
वहीं राहुल गांधी आज किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने के लिए ट्रेक्टर से संसद भवन पहुंचे थे। राहुल गांधी का कहना है कि सरकार किसानों के मुद्दों पर बहस करने से इंकार कर रही है।
इसी बीच भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी निशाना साधा है।
उन्होंने कहा है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात बिलकुल सही करते हैं। मगर राहुल गांधी जैसे नेता जरूरत के समय में देश की सेवा में लगे होते तो आज देश में वैक्सीनेशन का ये हाल नहीं होता।
इनके पूर्वजों के समय में किसी भी बीमारी की वैक्सीन कई सालों बाद आया करती थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वक़्त में कोरोना संक्रमण की वैक्सीन दुनिया के कई देशों द्वारा वैक्सीन साल 2020 में लांच की गई। वहीँ भारत ने भी जनवरी 2021 में वैक्सीन बना ली थी।
केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कोरोना महामारी के दौरान भारी तादाद में लोगों के मरने के पीछे कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल और उनके परिवार वालों में से किन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है।
इसकी जानकारी समय अनुसार अगर जनता को दे देते। तो इतने सारे लोगों की मृत्यु नहीं होती। इसके लिए यह लोग जिम्मेदार हैं। जिन्होंने लोगों के मनों में भ्रम पैदा किया गया।
साथ ही कांग्रेस शासित राज्यों में लोगों तक वैक्सीन लोगों तक पहुंचाने में देरी की गई।
इस मामले में कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी पर निशाना साधा है।
उन्होंने ट्वीट किया है कि “ज़रूरत के समय अगर राहुल जी प्रधानमंत्री होते तो कोरोना की तबाही से जनता का इतना बुरा हाल ना होता और आप भी किसानों को मवाली कहने की हिम्मत ना जुटा पातीं।”
ज़रूरत के समय अगर राहुल जी प्रधानमंत्री होते तो कोरोना की तबाही से जनता का इतना बुरा हाल ना होता और आप भी किसानों को मवाली कहने की हिम्मत ना जुटा पातीं । https://t.co/exqNeGm6UG
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) July 25, 2021
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी द्वारा हाल ही में किसानों के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल करते हुए उन्हें गुंडा मवाली करार दिया गया था। जिसकी लोगों द्वारा कड़ी निंदा की गई है।