समान्य ज्ञान की किताब में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उर्फ कथित सुशासन बाबू हैं। लेकिन अफसोस बिहार में सुशासन जैसा कुछ नहीं है। बिहार का कथित ‘जंगलराज’ तो बिहारवासियों ने बर्दाश्त कर लिया लेकिन नीतीश कुमार का ‘जाहिलराज’ असहनीय हो चला है।

बिहार से आने वाली खबरों में महिलाओं के साथ होने वाले अपराध की संख्या में भारी इजाफा हुई है। ताजा मामला भोजपुर जिले के बिहिया शहर का हैं, जहां भीड़ द्वारा एक महिला को निर्वस्त्र कर घंटों घुमाने का मामला सामने आया है।

पुलिस की माने तो, भीड़ को इस महिला पर 19 साल के एक युवक की हत्या में शामिल होने का संदेह था। ‘संदेह’, संदेह मात्र को आधार मानकर जाहिल भीड़ ने महिला को अपने कुंठा मुताबिक सजा दे दी।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उग्र भीड़ ने पहले कई घरों और गाड़ियों में आग लगा दी, फिर एक महिला को उसके घर से खींचा, उसे पहले बुरी तरह पीटा और फिर शहर के बीचों-बीच उसे निर्वस्त्र कर घुमाया।

हालांकि पुलिस द्वारा काफी देर बाद भीड़ से महिला को छुड़ा लिया गया। लेकिन मर्दाना समाज के इस मानसिक नंगापन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो और तस्वीरें में साफ देखा जा सकता है कि महिला को प्रताड़ित करने वाली भीड़ में कोई महिला शामिल नहीं है।

यानी महिला को प्रताड़ित करने वाली भीड़ सिर्फ जाहिल ही नहीं विशुद्ध रूप से मर्दवादी भी है। इस मर्दवादी भीड़ में युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। शायद ये वही युवा हैं जो व्हाट्सप्प के माध्यम से भारत को विश्वगुरू बनाते हैं।

जहां तक इस मामले में पुलिसिया कार्रवाई की है, तो जांच चल रही है, जो सदियों से चल ही रही हैं । कठोर कदम के नाम पर ज़िले के पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने बिहिया थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया।

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