बीते साल शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से ही पंजाब और हरियाणा से भारतीय जनता पार्टी और उनकी सहयोगी पार्टियों के कई नेताओं ने इस्तीफे दिए हैं।

खास तौर पर हरियाणा की खट्टर सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। दरअसल हरियाणा में भाजपा की सहयोगी पार्टियां भी कृषि कानूनों को वापस लिए जाने का दबाव बना रही है।

इसी बीच अब भारतीय राष्ट्रीय लोक दल के नेता अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के समर्थन में इस्तीफा दिया है। जिसे विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मंजूर भी कर लिया गया है।

माना जा रहा है कि अभय सिंह चौटाला द्वारा दिए गए इस्तीफे के बाद हरियाणा की सियासत में उथल-पुथल मच सकती है।

विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इसकी जानकारी खुद अभय सिंह चौटाला ने ट्विटर पर दी है।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि “मुझे कुर्सी नहीं मेरे देश का किसान खुशहाल चाहिए! सरकार द्वारा लागू इन काले कानूनों के खिलाफ मैंने अपना इस्तीफा दे दिया है।

मैं विपक्ष में बैठे अन्य सभी नेताओं और किसान पुत्रों से निवेदन करता हूँ कि वो इस संघर्ष की लड़ाई में किसान के साथ खड़े हों।”

गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के अध्यक्ष दुष्यंत चौटाला पर भी कृषि कानूनों के विरोध में पार्टी के विधायकों द्वारा यह दबाव बनाया जा रहा है कि वह भाजपा से अपना सहयोग वापस ले।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री और भतीजे दुष्यंत चौटाला का नाम लिए बिना ही अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि जो लोग किसानों को गुमराह करके सत्ता में आए हैं। उनके लिए राज्य के किसानों को जवाबदेही मुश्किल हो सकती है।

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