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Pulwama

पुलवामा में हुए सीआरपीएफ के काफिले पर हमले के एक साल पूरे हो गए हैं। आज पूरा देश 2019 के 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमला को याद कर रहा है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए इस भयावह आत्मघाती बम धमाके में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

इस आतंकवादी हमले के बाद देश में सरकार को लेकर बहुत सवाल खड़े होने लगे की इतनी बड़ी चूक आखिर हुयी कैसे? इस हमले की जाँच अभीतक पूरी क्यों नहीं हुई?

वहीं पुलवामा हमले की पहली बसरी पर कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा- भाजपा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए श्रेय लेने में पीछे नहीं रहती, लेकिन जब राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया विफलता होती है, तो भाजपा मौन हो जाती है।

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देश आज पुलवामा हमले से जुड़े सवालों के जवाब का इंतजार कर रहा है, लेकिन जवाब तो आए नहीं जवानों के हितों से जुड़ा एक घोटाला जरूर सामने आया है।

शेरगिल ने कहा- केंद्र सरकार ने शहीदों के परिवारजनों की सहायता के लिए “भारत के वीर” नाम से एक फण्ड की स्थापना की। पुलवामा हमले के बाद देशवासियों ने सुरक्षा बलों के सम्मान की खातिर 12 गुना ज्यादा चंदा दिया। 18 जुलाई 2019 तक इस फण्ड में 250 करोड़ जमा थे।

इस फण्ड की मीटिंग खुद गृह मंत्री करते हैं और ये सीधे गृह मंत्रालय के तहत आता है। पुलवामा हमले के शहीदों के परिवारजनों को एक रुपया तक नहीं दिया गया। कई सैनिकों के परिवारजनों को भाजपा सरकार ने ठगा है।

हरियाणा के हरि सिंह जी ने पुलवामा में शहादत दी। इनके परिवारजनों को 50 लाख देने का वादा भाजपा ने किया था। ऐसा ही शहीद कौशल कुमार रावत जी और महेश यादव जी के परिजनों के साथ हुआ है।

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कांग्रेस प्रवक्ता ने आगे कहा- “भारत के वीर” का दुरुपयोग करके भाजपा ने सैनिकों को ठगा है। रोज फ़र्जी राष्ट्रवाद का ढ़ोल पीटने वाली भाजपा इस बात का जवाब दे कि “भारत के वीर” फण्ड का ₹250 करोड़ कहाँ गया? पुलवामा के शहीदों को पैसा क्यों नहीं दिया गया?

भाजपा को शर्म आनी चाहिए कि वो किसानों-गरीबों को ठगने वाली भाजपा अब शहीदों और उनके परिजनों को भी ठग रही है।

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