कोरोना संकट के बीच रैपिड टेस्ट किट की ख़रीद को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, एक कंपनी ने 245 रुपए की किट को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) को 600 रुपए प्रति के किट के हिसाब से बेच डाला।
इस मामले को लेकर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं और मांग की है कि संकट के समय में मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाए। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “परीक्षण किटों के आयात पर अराजकता चल रही है और सरकार को बताना चाहिए कि उनके द्वारा क्या कार्रवाई की गई है।”
वहीं इस घोटाले पर विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए लिखा- हे राम! देश इतने बड़े संकट में है और किट में दलाली की खबरें आ रही हैं। खैर, किसी ने कहा था कि व्यापार मेरे खून में है।
हे राम! देश इतने बड़े संकट में है और किट में दलाली की खबरें आ रही हैं।
खैर, किसी ने कहा था कि व्यापार मेरे खून में है।
— Jitu Patwari (@jitupatwari) April 28, 2020
दरअसल, मुनाफा कमाने वाली इस कंपनी पर आरोप है कि उसने चीन से किट को 245 रुपए में आयात किया। जिसके बाद उसने आईसीएमआर को 600 रुपये प्रति किट के हिसाब से पांच लाख किट की आपूर्ति की। जिससे कंपनी को 18 करोड़ रुपये से ज़्यादा का मुनाफा हुआ।
जिसके बाद ये मामला अदालत भी पहुंचा। जहां कंपनी को इस मुनाफाखोरी के लिए फटकार लगाई गई। जिसके बाद कंपनी 400 रुपये प्रति किट की दर से आपूर्ति करने के लिए तैयार हो गई।