नंद कुमार बघेल को आज कौन नहीं जानता, खासकर दलितों पिछड़ों के समर्थन और ब्राह्मणवाद के विरोध के कारण उन्हें उत्तर भारत का पेरियार कहा जाता है। इसके साथ साथ नन्द कुमार बघेल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता भी है।

नंद कुमार बघेल वो शख्सियत हैं जिन्होंने 86 साल की उम्र में भी कास्ट सेंसस के लिए देश भर में जन जागरण किया है।

खबरों के मुताबिक, उत्तर भारत के पेरियार कहे जाने वाले नंद कुमार बघेल को छत्तीसगढ़ पुलिस ने जेल भेज दिया है।

आपको बता दें कि इससे पहले भी नन्द कुमार बघेल को गिरफ्तार करने की मांग उठती रहती है इससे पहले लखनऊ में दिए गए उनके बयां को लेकर भी बवाल खड़ा हो चुका है हालाँकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस ने उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया था।

पर अब जो काम दूसरे प्रदेश की सरकारें नहीं कर पाईं वह काम खुद उनके बेटे और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर दिया है।

ब्राह्मणों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें दिल्ली से गिरफ्तार करने के बाद रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया गया।

बघेल के वकील गजेंद्र सोनकर ने बताया कि उन्हें 21 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

दीनदयाल विप्र समाज ने कराई एफआईआर

नंद कुमार बघेल के खिलाफ दीनदयाल विप्र समाज के सदस्यों ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। रायपुर में डीडी नगर थाने की प्रभारी योगिता खोपर्डे ने बताया कि दो सितंबर को हमें सर्व ब्राह्मण समाज, सुंदर नगर से शिकायत मिली थी कि नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मण समुदाय के खिलाफ टिप्पणी की थी। चार सितंबर को मामला दर्ज किया गया।

लखनऊ में की थी यह टिप्पणी

नंद कुमार बघेल ने पिछले महीने लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में ब्राह्मणों पर टिप्प्णी की थी। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कथित तौर पर कहा था,

‘अब वोट हमारा राज तुम्हारा नहीं चलेगा। हम आंदोलन करेंगे। ब्राह्मणों को गंगा से वोल्गा (रूस की एक नदी) भेजेंगे, क्योंकि ब्राह्मण विदेशी हैं। ब्राह्मण सुधर जाएं या फिर वोल्गा जाने को तैयार हो जाएं। ‘

14 दिन के लिए भेजा गया न्यायिक हिरासत पर

नन्द कुमार भगेल को कल गिरफ्तार किया गया और आज मंगलवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जमानत अर्जी दाखिल नहीं होने से 1 घंटे चली बहस के बाद कोर्ट ने उन्हें जेल भेजने के निर्देश दिए। अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी। तब तक के लिए उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल किया गया है।

बता दें कि मामला संज्ञान में आते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान जारी किया था। उन्होंने सरकार से भी ऊपर छत्तीसगढ़ में कानून को बताया था। उन्होंने स्पष्ट कहा था कि उनके 86 वर्षीय पिता ही क्यों न हो कानून सबके लिए बराबर है।

उसके बाद खबर आई की रायपुर पुलिस ने सीएम के पिता को गिरफ्तार करने रवाना हुई। सोमवार को नंदकुमार बघेल को आगरा से गिरफ्तार किया गया।

फ्लाइट से रायपुर लाकर कोर्ट में पेश किया गया। नंदकुमार बघेल के खिलाफ डीडी नगर थाने में ब्राह्मण समाज ने शिकायत दर्ज कराई थी। डीडी नगर पुलिस ने धारा 505 और 153 के तहत एफआईआर. दर्ज की थी।

नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मणों को विदेशी बताया था। उनके बयान से ब्राह्मणों में आक्रोश का माहौल व्याप्त था।

मुसलामन को जिंदा जलाओ कहने वाले छुट्टे सांड घूमे गली गली, दलित की बात उठाने वाला जाए जेल

आपको बता दें कि उनके बयान पर किसी प्रकार की कोई हिंसा नहीं भड़की है। वहीं, दलितों-मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने, बात बात पर उनको पाकिस्तान भेजने और दंगा कराने वाले वाले लोग खुले तौर पर घूम रहे हैं उनके ऊपर किसी भी प्रकार का कोई एक्शन नहीं लिया गया है।

दिलचस्प है कि ये बयान लखनऊ में दिया गया था जब नन्द कुमार बघेल 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू कराने के आंदोलन का समर्थन करने लखनऊ गए थे। लेकिन योगी सरकार ने उनको गिरफ़्तार नहीं किया।

इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल लिखते हैं- “छत्तीसगढ़ के Periyar नंद कुमार बघेल को ब्राह्मण समाज की शिकायत पर गिरफ़्तार कर जेल भेजा गया है। जबकि उनके बयान पर कोई हिंसा नहीं भड़की है।

वहीं, दलितों-मुसलमानों के खिलाफ ज़हर उगलने, बात बात पर उनको पाकिस्तान भेजने और दंगा कराने वाले वाले छुट्टा सांड की तरह घूम रहे हैं।

दिलचस्प है कि ये बयान लखनऊ में दिया गया था। बघेल साहब 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू कराने के आंदोलन का समर्थन करने गए थे।

लेकिन योगी सरकार ने उनको गिरफ़्तार नहीं किया। गिरफ़्तारी छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने की, जहां ये तथाकथित जुर्म हुआ ही नहीं।

कांग्रेस से न हो पाएगा।#StandWithNKBaghel “

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