इस साल की शुरुआत में जब कोरोना संक्रमण में भारत में दस्तक दी थी। तो सरकार द्वारा देश में लॉक डाउन लगाया गया था। इस दौरान दिल्ली की निजामुद्दीन मरकज में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

जिसमें देश और विदेशों से तब्लीगी जमात के लोग शामिल हुए थे। अब दिल्ली की कोर्ट ने इस मुद्दे पर बड़ा फैसला सुनाया है।

खबर के मुताबिक, तब्लीगी जमात मरकज में शामिल हुए 14 देशों के सभी 36 विदेशियों को आखिरकार दिल्ली की कोर्ट ने बरी कर दिया गया है। जिन्हे देश में कोरोना संक्रमण फैलाने में आरोपी बनाया गया है।

कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को भी लताड़ा है। कोर्ट का कहना है कि अभियोजन पक्ष मरकज मामले में तब्लीगी जमात के लोगों पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत नहीं पेश कर पाए हैं।

इस मामले में पत्रकार अजीत अंजुम ने ट्वीट कर गोदी मीडिया पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “चैनलों पर तब्लीगी जमात से जुड़ी ये खबर चली क्या ? कोर्ट ने तमाचा मारा है पुलिस के मुंह पर .. नफरती मीडिया के चेहरा इस खबर में है।”

गौरतलब है कि मार्च के महीने में लॉक डाउन लगने के बाद निजामुद्दीन मरकज मामले में तब्लीगी जमात के विदेशी सदस्यों पर आईपीसी की धारा 188, धारा 269 और महामारी कानून की धारा तीन के तहत कोर्ट ने 24 अगस्त को आरोप तय किए गए थे।

आपको बता दें कि तब्लीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ गोदी मीडिया ने लोगों में झूठे और भ्रम फैलाने की कोशिश की है।

सोशल मीडिया पर भी भाजपा के आईटी सेल द्वारा मुसलमानों के खिलाफ जहर उगला गया। ताकि देश में साम्प्रदायिकता फैलाई जा सके।

इसके साथ ही दिल्ली पुलिस और भाजपा शासित राज्यों की सरकार ने आरोप लगाया था कि तब्लीगी जमात के लोगों ने देश में संक्रमण फैलाया है।

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