तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद हालात काफी भयावह बन गए हैं। अफगानिस्तान में फंसे अन्य देशों के नागरिकों द्वारा वहां से निकलने के लिए भागदौड़ की जा रही है। अफगानिस्तान का काबुल एयरपोर्ट इस वक्त लोगों की भीड़ से बुरी तरह भरा हुआ है।

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर किए गए कब्जे से भारत में भी स्थिति काफी चिंताजनक हो गई है।

जानकारों का मानना है कि तालिबान, पाकिस्तान और चीन के साथ मिलकर अन्य देशों के लिए मुसीबत बन सकता है।

दरअसल चीन ने विद्रोही संगठनों के साथ दोस्ती का ऐलान कर दिया है। चीन ने कहा है कि तालिबान के साथ वह दोस्ती का रिश्ता कायम करना चाहता है।

चीन का कहना है कि अफगानिस्तान के साथ दोस्ती के रिश्ते को मजबूत बनाने इस मौके का वह स्वागत करते हैं।

जहां काबुल से अन्य देशों के दूतावास वापस अपने देश लौट आए हैं। वहीं चीन का दूतावास अभी भी वहां पर काम कर रहा है।

इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा भी एक बड़ा बयान दिया गया है।

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि तालिबान चीन और पाकिस्तान एक साल के अंदर भारत पर हमला करने वाले हैं।

सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिए गए इस बयान पर पत्रकार राणा अय्यूब ने निशाना साधा है। उन्होंने पूछा है कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दिए गए इस बयान पर मोदी सरकार का क्या कहना है?

 

आपको बता दें कि भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर किए गए कब्जे के बाद भारत सरकार को गंभीरता से इस मुद्दे पर ध्यान देने की सलाह दी है।

सुब्रमण्यम स्वामी का कहना है कि पाकिस्तान की शह पर ही तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा जमाया है। ये भारत के लिए बहुत ही चिंताजनक खबर है।

उन्होंने अपनी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि अब हमें भारत माता की तरफ अपने कर्तव्य को याद करके काम करने की जरूरत है।

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