पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के विरोध का सामना कर रही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने अब आंदोलन को सांप्रदायिक रंग देना शुरु कर दिया है।

केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने आरोप लगाया है कि मुज़फ्फरनगर के सोरम में उनके कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ जो भीड़ इकठ्ठा हुई वो मस्जिद से ऐलान के बाद वहां आई थी।

दरअसल, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान सोमवार को सोरम गांव में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

यहां कुछ लोगों ने उनका विरोध किया था, जिसके बाद बीजेपी कार्यकर्ता और विरोध कर रहे लोगों में झड़प हो गई थी। इस घटना में तीन से चार लोग घायल भी हुए थे।

इसी घटना को संजीव बालियान सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं से भिड़ने वाले लोग विपक्षी दल के थे और उन्हें एक मस्जिद से ऐलान कर उकसाया गया था।

उन्होंने मामले में जांच की अपील करते हुए कहा, “लोकदल नेताओं की कॉल डिटेल निकाली जाए। अगर मेरी गलती निकलती है तो मैं दिल्ली चला जाऊंगा। तेरहवीं जैसे मौके पर जिंदाबाद या मुदार्बाद नहीं होना चाहिए। मैं अपने जिले के लोगों के साथ दुख-सुख में हर वक्त खड़ा हूं। ये लोग नहीं चाहते कि मैं लोगों के बीच में रहूं”।

संजीव बालियान ने कहा, “धार्मिक स्थलों से एलान कर भीड़ इकठ्ठी की गई। दिल्ली हिंसा में लालकिले पर मौजूद नेता ही यहां सोरम में भी मौजूद थे”।

किसान आंदोलन को बड़ी बारीकी से कवर कर रहे पत्रकार मनदीप पुनिया ने संजीव बालियान के इस बयान को सांप्रदायिक बताया है और दंगे की आशंका आशंका जताई है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “मुज़फ्फरनगर में किसानों पर भाजपा के लोगों द्वारा किये गए हमले को संजीव बाल्यान ने साम्प्रदायिक रंग देना शुरू कर दिया है. कहीं किसान आंदोलन के बीच दंगा करवाने की साजिश तो नहीं रच रहे ये लोग!”

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