दिल्ली में कड़ाके की ठंड में किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे किसान किसी भी स्थिति में इसपर समझौता करने के लिए तैयार नहीं है। भारत में इतने बड़े स्तर पर चल रहे इस किसान आंदोलन के चर्चे अब विदेशों में भी हो रहे हैं।

इस आंदोलन को चल रहे अब बीस दिन से ज्यादा हो गए हैं। जिसमें देश के कई सामाजिक संगठन भी मदद के लिए आगे आए हैं।

जिनके द्वारा सर्दी के मौसम में किसानों के खाने-पीने और सोने के लिए पूरे इंतज़ाम किए गए हैं। इसके साथ उन्हें हर तरह की मेडिकल सुविधाएं भी दी जा रही हैं।

इसी बीच प्रदर्शन कर रहे किसानों की मौत की खबरें लोगों को आहत कर रही हैं। किसान आंदोलन में अब तक कई बुजुर्ग किसानों का निधन हो चुका है।

ट्विटर पर सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना द्वारा 15 दिसंबर को आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसान की तस्वीर शेयर की गई है।

जिसे शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है कि आज 15 दिसंबर दिल्ली किसान मोर्चे में शहादत को प्राप्त हुए वीरपुत्र सरदार गुरमीत सिंह जी की शहादत को मै कोटि कोटि नमन करती हूँ।

सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए पत्रकार विनोद कापड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

उन्होंने लिखा है कि “बुजुर्ग किसान एक के बाद एक करके दिल्ली बॉर्डर पर मर रहे हैं और मोदी photo op कच्छ में कर रहे हैं। इतिहास सब याद रखेगा प्रधानमंत्री जी।”

बताया जा रहा है कि आज पीएम मोदी गुजरात के कच्छ में कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे हैं। जहाँ पर वह किसानों से भी बातचीत करने की बात कह रहे हैं।

इस दौरान पीएम मोदी कच्छ में किसानों को कृषि कानूनों के फायदों के बारे में समझायेंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली में आंदोलनरत किसानों की मांगों को सरकार मानने से इंकार कर रही है। जबकि कच्छ में जाकर किसानों से बातचीत करने की बात कही जा रही है।

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