भारत सरकार द्वारा इस बार शीतकालीन सत्र रद्द करने का ऐलान किया है। जिसके पीछे भाजपा ने कोरोना वायरस को वजह बताया है।

इसपर विपक्षी दल भाजपा को घेर रहे हैं। दरअसल कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए शीतकालीन सत्र बुलाने की मांग की थी।

विपक्षी पार्टियों का कहना है कि भाजपा शीतकालीन स्तर को रद्द करके सवालों से बचने की कोशिश कर रही है।

इस मामले में शिवसेना नेता संजय राउत ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा है कि संसद का शीतकालीन सत्र रद्द किए जाने पर मोदी सरकार कोरोना को वजह बता रही है।

उन्होंने कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेताओं ने जनसभाएं की है। जिनमें लाखों लोगों लोगों की भीड़ इकट्ठी हुई है।

क्या उस वक्त देश में कोरोना नहीं था? भारतीय जनता पार्टी के लोग महाराष्ट्र में मंदिर को खोलने के लिए आंदोलन कर रहे थे। मंदिर खोलने के साथ लोकल ट्रेन चलाने की मांग उठाई जा रही थी।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई बड़े नेता जाकर वहां पर बड़ी बड़ी रैलियां कर रहे हैं। क्या वहां पर कोरोना नहीं है ? दिल्ली में लाखों किसान धरने पर बैठे हैं। क्या उन किसानों के लिए कोरोना नहीं है।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होकर हटे हैं। लोगों ने वोट डालकर डोनल्ड ट्रंप को हरा दिया। क्या वहां सरकार को कोरोना का डर नहीं था ? 4 दिन का शीतकालीन सत्र में सरकार ने रोक दिया है। क्या इसे रोकने के लिए उन्हें कोरोना की याद आई है।

महाराष्ट्र में विधानसभा सत्र हुआ है। क्या भाजपा के लिए महाराष्ट्र में अलग और दिल्ली में अलग तरह का कोरोना है। भाजपा के लिए एक नेशनल पालिसी बननी चाहिए। क्या उनके कोरोना है या नहीं ?

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here