भारत के नेताओं, पत्रकारों और अधिकारियों की जासूसी करवाए जाने के मामले में मोदी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
संसद से होकर अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकता है। दरअसल विपक्षी दलों द्वारा इस मामले में जेपीसी जांच और सुप्रीम कोर्ट की दखल की मांग की है।
इस कड़ी में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उनका कहना है कि पीएम मोदी जब इजराइल गए थे। उसके बाद से ही पेगासस जासूसी मामला शुरू हुआ था।
कांग्रेस नेता कमलनाथ का कहना है कि पेगासस जासूसी कांड से हमारे अधिकारियों पर ही सबसे बड़ा हमला हुआ है। आने वाले दिनों में यह मामला और गर्माने वाला है।
इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से करवाए जाने की मांग उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा है कि सरकार को विपक्षी नेताओं को अपने विश्वास में लेना होगा।
इसके साथ ही इस मामले की जांच करने वाले जज भी ऐसे होने चाहिए। जिनकी जासूसी न हुई हो।
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने यह भी कहा है कि भाजपा पेगासस जासूसी मामले पर खुद का बचाव करने के लिए कांग्रेस द्वारा जानबूझकर ये मुद्दा उठाए जाने की बात कह रही है।
पेगासस मामले का खुलासा अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्था द्वारा किया गया है। ना कि कांग्रेस द्वारा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साल 2017 में इजरायल के दौरे पर गए थे। उसके बाद साल 2018 में इस जासूसी की शुरुआत हुई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए फ्रांस की सरकार ने इसकी जांच करवाने का फैसला लिया है। अन्य देश भी जल्द ही जांच शुरू करने वाले हैं। लेकिन भारत में इसकी जांच क्यों नहीं की जा रही?
मोदी सरकार के शासनकाल में मोबाइल फोन कंपनियों के जरिए भी कई लोगों की जासूसी की जा चुकी है।