फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों अपने विवादित बयानों के लिए जानी जाती हैं. पिछले दिनों पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर आपत्तिजनक बयानों को लेकर ट्वीटर ने उनका अकाउंट सस्पेंड कर दिया था.

कंगना इसके बाद भी नहीं मानीं. कंगना ने सोशल मीडिया के दूसरे प्लेटफॉर्म्स पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.

कंगना की एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं जिसमें वो बता रही हैं कि जो गंगा नदी में बहती लाशों की वीडियो और तस्वीरें भारत की नहीं हैं बल्कि नाइजीरिया की हैं.

कंगना इस वीडियो में कह रही हैं कि आजकल जो तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं जिसमें दिखाया जा रहा है कि गंगा किनारे लाशें तैर रही हैं.

दरअसल वो तस्वीरें भारत की है ही नहीं, बल्कि नाइजीरिया की हैं. यहां के लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? अपनी ही पीठ में छुरा घोंप रहे हैं. ये लोग जो ऐसी हिंसा फैलाते हैं, ये किसी धर्म विशेष के नहीं है बल्कि हर जगह ऐसे लोग पाए जाते हैं.

कंगना के नाइजीरिया वाले बयान पर चुटकी लेते हुए पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह कहते हैं कि “मुझे तो पता ही नहीं था कि उन्नाव, कानपुर, बलिया जैसे शहर नाइजीरियन हैं. इसका मुझे जरा भी अंदाजा नहीं था.

कंगना के इस बयान पर अकले पूर्व आईएएस नहीं बल्कि पूरा सोशल मीडिया चुटकियां ले रहा है क्योंकि बिहार के बक्सर, यूपी के कानपुर, उन्नाव, बलिया जैसे शहरों में गंगा नदी में लाशों को देखकर राजनीतिक तूफान मचा हुआ है और उधर कंगना रनौत इसे नाइजीरिया की बता रही हैं.

कंगना अपने वीडियो में आगे कहती हैं कि एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर वायरल हो रही हैं, जिसमें उन्हें ऑक्सीजन के लिए सड़क पर ही बैठना पड़ रहा है, यह तस्वीर तो कोरोना काल की है ही नहीं. यह तो पहले की तस्वीर है.

कंगना कहती हैं कि घुसपैठियों को मिलाकर हमारे देश की आबादी करीब 150 करोड़ हो गई है लेकिन बहुत कम लोग यहां पर काम के हैं. हालांकि कंगना रनौत यह नहीं बता पाईं कि सिवाय बकवास करने के वो किस काम की हैं !

कोरोना की पहली लहर और दूसरी लहर के साथ ही लॉकडाउन में उन्होंने कितने लोगों की मदद की?

कंगना फिल्म अभिनेत्री हैं. अमीर हैं. करोड़पति हैं. कोरोना संक्रमण में उनका देश के प्रति क्या योगदान है, इसका खुलासा उन्हें करने की जरुरत है, तभी तो दूसरों को उनसे प्रेरणा मिलेगी.

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