शहीद-ए-आजम भगत सिंह की जयंती पर देश के दो बड़े युवा नेताओं ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इसके बाद दोनों नेताओं ने कांग्रेस द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया।

कन्हैया कुमार ने कांग्रेस जॉइन करने के बाद कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज शहीद ए आजम भगत सिंह की जयंती है। इस वक्त सबके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि मैंने कांग्रेस पार्टी क्यों ज्वाइन की है?

इस सवाल का जवाब देते हुए मैं यह बताना चाहता हूं कि मुझे यह महसूस होता है कि इस देश में सत्ता पर काबिज होकर इस देश की संस्कृति, इसका इतिहास और उसका वर्तमान के साथ-साथ भविष्य खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।

इसलिए मैंने यह तय किया है कि मैं इस देश की सबसे पुरानी और लोकतांत्रिक पार्टी शामिल होना चाहता हूं।

क्योंकि इस देश के लाखों-करोड़ों नौजवानों को यह लगने लगा है कि अगर कांग्रेस नहीं बची तो देश नहीं बचेगा।

कन्हैया कुमार का कहना है कि कांग्रेस ही वो पार्टी है। जो महात्मा गांधी, बाबासाहेब आंबेडकर, भगत सिंह, अशफाक उल्ला खान, जवाहरलाल नेहरू के विचारों को आगे लेकर उनके बताए रास्ते पर चल सकती है।

हम जब भी समानता और बराबरी की बात करते हैं। यह कुछ लोगों तक सीमित नहीं है। यह भारतीय होने का इतिहास है और भारतीय होने के इतिहास को अगर अपने आप में ही कोई समेटे हुए हैं। तो यह सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है। जो लोग यह कह रहे हैं कि विपक्ष कमजोर हो गया है।

यह सिर्फ विपक्ष के लिए चिंता की बात नहीं है। क्यूंकि जब विपक्ष कमजोर हो जाता है। तो सत्ता पक्ष तानाशाही पर उतर आती है।

कांग्रेस इस देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है अगर उस पार्टी को नहीं बचाया गया तो छोटी छोटी पार्टियां भी नहीं बचेंगी।

वहीँ गुजरात से निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी ने इस दौरान कहा कि मैं कुछ तकनीकी कारणों से औपचारिक तौर पर कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाया। क्योंकि मैं इस वक्त गुजरात से निर्दलीय विधायक हूं।

अगर मैं कांग्रेस में शामिल होता हूं तो मैं विधायक के रुप में नहीं रह सकता। लेकिन मैं कांग्रेस की विचारधारा से जुड़ चुका हूं कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से ही लडूंगा।

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