पंजाब में चल रहे सियासी घमासान के बीच एक और बड़ी खबर आ रही है। अभी हाल ही में पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को थमाई गयी थी।

आज तकरीबन 2.30 बजे नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिद्धू ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गाँधी को पत्र लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया। अभी तक उनके इस्तीफे की वजह सामने निकल कर नहीं आयी है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि वह “पंजाब में कांग्रेस के एजेंडे और पंजाब के भविष्य के साथ कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं कर सकते। और आज इस पद पर रहते हुए उन्हें समझौता करने की नौबत आ रही है और समझौता करना उनकी फितरत में नहीं है इसलिए वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। भविष्य में वह कांग्रेस के साथ रहेंगे और ऐसे ही सेवा करते रहेंगे”।

गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस की स्थिति कुछ ठीक नहीं चल रही है। अभी कुछ दिन पहले ही कांग्रेस ने पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह को हटाकर चरण जीत सिंह चन्नी को पंजाब की कमान सौंपी थी।

और राजनैतिक गलियारों की खबर के हिसाब से अमरिंदर सिंह गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर सकते हैं।

अगर ऐसा होता है तो पंजाब में कांग्रेस एकदम बैकफुट पर जाती दिख रही है।

सिद्धू के इस्तीफे के बाद अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर सिद्धू के बारे में कहा है कि ‘ मैंने आपसे पहले ही कहा था कि वो स्थिर आदमी नहीं है और ना ही वो पंजाब के लिए उचित आदमी है’।

आज सिद्धू का अपने पद से इस तरह अचानक इस्तीफा देना पंजाब कांग्रेस के अंदरूनी हालातों को बयां करता है।

पहले अचानक सीएम का बदला जाना फिर अचानक आउट ऑफ़ द बॉक्स जाके चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री पद की सपथ दिलाना। हालाँकि चन्नी का मुख्यमंत्री बनाये जाना एक दलित ट्रम्प कार्ड की तरह देखा जा रहा है।

कांग्रेस ने चन्नी के सहारे पंजाब में दलित वोट साधने की कोशिश की है। और अब अचानक सिद्धू का अपने पद से इस्तीफा देना पंजाब कांग्रेस की आंतरिक कलह का चेहरा उजागर करता है।

खैर कुछ महीनों में चुनाव होने है और उससे पहले पार्टी में ऐसे एक के बाद एक हो रहे बदलाव निश्चित तौर पर पार्टी को नुकसान पहुचायेंगे।

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