मोदी सरकार के शासनकाल में बड़े स्तर पर सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया जा रहा है। इससे पहले किसी भी सरकार के कार्यकाल में ऐसा नहीं हुआ है।

खबर के मुताबिक, मोदी सरकार अब रेल के साथ-साथ हवाई अड्डों, देश के हाईवे, गैस पाइपलाइन टेलीकॉम टावर, पीएसयू समेत कई सरकारी संपत्तियों को बेचने जा रही है। जिसका रोडमैप जल्द ही देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सार्वजनिक करने जा रही है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि आने वाले 4 सालों में सरकार को 6 लाख करोड रुपए जुटाने हैं। जिसके चलते इस योजना पर काम किया जाएगा।

अब तक सामने आया है कि कुल 13 तरह की सरकारी संपत्तियों की हिस्सेदारी को बेचा जाएगा या फिर लीज पर दिया जाएगा। जिसमें हाईवे, रेलवे, पावर ट्रांसमिशन, टेलीकॉम, वेयरहाउसिंग, नेचुरल गैस पाइपलाइन शामिल है।

यानी कि मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल खत्म होते होते देश की लगभग सभी सरकारी संपत्तियों का निजीकरण हो जाएगा।

इस मामले में मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है। कई विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। वहीं कई नेताओं द्वारा देश के लिए चिंता जाहिर की है।

इस कड़ी में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार का नाम भी जुड़ गया है। कन्हैया कुमार ने भी भाजपा पर निशाना साधा है।

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि ‘तय करो कि किस और हो, तुम बेचने वालों के साथ या बचाने वालों के साथ।’

गौरतलब है कि इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहते हैं। उन्होंने कई बार आरोप लगाए हैं कि मोदी सरकार देश को बेचने पर तुली हुई है।

सत्ता में बैठी सरकार सिर्फ चंद पूंजीपतियों को फायदा पहुंचा रही है। जबकि देश के गरीब आम जनता महंगाई और बेरोजगारी के भार तले दब कर मर रही है।

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