केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार ने भारत की सरकारी संपत्तियों को बेचकर पैसे जुटाने की योजना बनाई है। इस संदर्भ में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक रोडमैप बनाया है।
जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि मोदी सरकार देश में बड़े स्तर पर निजीकरण करने जा रही है।
दरअसल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया है कि कोरोना महामारी की वजह से मोदी सरकार इस वक़्त पैसे की तंगी से जूझ रही है।
कोरोना महामारी के कारण फिलहाल सरकार के पास इस वक्त राजस्व जुटाने के विकल्प काफी कम है। इस कारण सरकारी संपत्तियों को या तो बेचने या फिर लीज पर दिए जाने का फैसला लिया है।
सरकार द्वारा लिए गए फैसले की विपक्षी दलों द्वारा जमकर आलोचना की जा रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहले से ही सरकार और पूंजीपतियों की सांठ-गाँठ पर सवाल उठा चुके हैं।
अब इस मामले में बिहार से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर लिखा है कि केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है।
अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं। आँगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है, साहब?
केंद्र में बैठे नीम हकीमों ने अच्छी खासी दौड़ रही अर्थव्यवस्था को इतना बीमार कर दिया है कि अब इसका रेंगना भी दूभर हो गया है।
अब इसे ज़िंदा रखने के लिए इसी के अंग काट-काटकर देश की संपत्ति ये झोलाछाप निजी हाथों में बेच रहे हैं। आँगन बेचकर किसी तरह घर चलाना कौन सी काबिलियत है,साहब?
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 25, 2021
राजद नेता तेजस्वी यादव से पहले कई अन्य विपक्षी नेताओं ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है।
कांग्रेस द्वारा आरोप लगाया गया है कि भाजपा देश की सरकारी संपत्तियों को पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। देर सवेर इन सभी संपत्तियों के असली मालिक निजी बिजनेस घराने बन जाएंगे।
वहीं अब इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार 60 खरब की सरकारी संपत्ति को बेचने की तैयारी कर रही है। लेकिन इसका मालिकाना हक हमारे पास ही रहेगा।