बिहार के सीवान में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के बाद हुई गिरफ़्तारियों को लेकर नीतिश कुमार सरकार और पुलिस सवालों के घेरे में है.

दरअसल 8 सितंबर को महावीरी अखाड़ा की शोभायात्रा के दौरान यहां हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद पुलिस ने मुसलमानों की जो गिरफ़्तारियां की उसमें एक 8 साल का बच्चा भी बताया जा रहा है.

सोशल मीडिया पर बच्चे की तस्वीर वायरल हो रही है और सवाल नीतिश कुमार से लेकर तेजस्वी यादव से किए जा रहे हैं. परिवार का दावा है कि पुलिस दादा के साथ उनके आठ साल के पोते को भी गिरफ़्तार कर ले गई है, पोते की उम्र 8 साल है.

यह हंगामा हैदराबाद से एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के ट्वीट के बाद और भी गर्माता नज़र आ रहा है.

ओवैसी ने ट्विटर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज़ करते हुए सवाल खड़े किए हैं कि ‘कैसे नीतीश कुमार के राज में बच्चे महफ़ूज़ नहीं. कैसे पुलिस दंगाइयों को पकड़ने के बजाय मुसलमान बच्चों को निशाना बना रही है.’

सिवान के बड़हरिया थानाक्षेत्र के पुरानी बाज़ार के पश्चिम टोला में महावीरी अखाड़ा की शोभायात्रा निकाली गई थी. कहा जा रहा है कि जैसे ही शोभायात्रा पश्चिम टोला मस्जिद के पास पहुंची हिंसा भड़क गई और हिंदु मुस्लिम समुदाय आमने-सामने आ गए. इस मामले में पुलिस 100 अज्ञात लोगों और 35 नामज़द लोगों के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज की है.

पुलिस ने दोनों समुदायों के 10-10 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इन्हीं गिरफ़्तारियों में रिज़वान है, जो नाबालिग है, इसी को लेकर विरोध जताया जा रहा है.

पत्रकार राणा अय्यूब ने भी सीएम नीतिश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को टैग करते हुए इस गिरफ़्तारी पर सवाल उठाए हैं, उन्होंने लिखा कि 8 साल के बच्चे को दंगा करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है, आप सहमत होंगे कि ये न्याय का विचार नहीं है.

नाबालिग लड़के की रिहाई को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ी हुई है. #ReleaseRizwan के नाम से ट्विटर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं. कुछ लोग जहां लड़के की उम्र 8 साल लिख रहे हैं, वहीं कुछ लोग 12-13 साल.

हालांकि, प्राप्त सूचनाओं के हिसाब से पुलिस ने उक्त लड़के को हिरासत में लेने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया है.

पुलिस बच्चे की उम्र 13 साल बता रही है जबकि परिवार ने जो बर्थ सर्टिफिकेट दिखाया है उसमें रिज़वान की डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 2014 लिखी है.

रिज़वान के परिवार ने पुलिस पर रिज़वान को छोड़ने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप भी लगाया है. हालांकि इस मामले में अभी तक बिहार सरकार की तरफ़ से कोई बयान नहीं आया है.

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