भारत गांधी का देश है। यहां हिंसा की कोई जगह नहीं है मगर कुछ लोग गांधी से ज्यादा गोडसे का समर्थन करते हैं। गोडसे एक व्यक्ति नहीं एक सोच है। यह एक ऐसी सोच है जो किसी की हत्या पर यकीन करती है। जो विपरीत विचारधारा को कुचलने पर विश्वास रखती है। ऐसी सोच किसी भी सभ्य समाज को खोखला कर देती है।
कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने अपने ट्विटर हैंडल से अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट किया है जिसमें वो कहते हैं- ‘बापू भी “देश के ग़द्दार” थे इनके लिए। गोली मार दी थी उनको भी। आज सत्ता में आकर बेशर्मी से “गोडसे ज़िन्दाबाद” का नारा लगाते हैं ये लोग। लेकिन बापू तो आज भी ज़िन्दा हैं देश के लोगों के दिल में। और वही हराएँगे फिर से, इनकी नफ़रत और हिंसा की घटिया सोच को।’
बापू भी “देश के ग़द्दार” थे इनके लिए। गोली मार दी थी उनको भी। आज सत्ता में आकर बेशर्मी से “गोडसे ज़िन्दाबाद” का नारा लगाते हैं ये लोग।
लेकिन बापू तो आज भी ज़िन्दा हैं देश के लोगों के दिल में। और वही हराएँगे फिर से, इनकी नफ़रत और हिंसा की घटिया सोच को।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) January 28, 2020
कन्हैया कुमार को ये ट्वीट इसलिए करना पड़ा क्योंकि सोमवार को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली की एक रैली में देश के ‘गद्दारों’ को गोली मारने की बात कही थी, वो भी बाकयदा नारा लगवाकर।
मंत्री जी से यह पूछा जाना चाहिए कि मंत्री जी के हिसाब से गद्दार कौन हैं। क्या असली गद्दार वो हैं जो अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं या वो जो कानून हाथ में लेकर गोली मारने की बात कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली में चुनाव हैं। ऐसे समय में जनता को अपने पक्ष में करने के लिए हर दल कोई न कोई हथकंडा अपना रहा है। लेकिन इस तरह की बातों की अपेक्षा किसी भी राजनैतिक दल से नहीं की जाती। राजनीति की भी अपनी एक मर्यादा होती है जिसे शायद अनुराग ठाकुर भूल गए हैं।