रविवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा में कई सालों बाद इतना बड़ा नक्सली हमला हुआ है। इस नक्सली हमले में सेना के 22 जवानों की शहादत हुई है। हमले में शहीद हुए जवानों के प्रति देशभर में दुःख का माहौल है।
दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले पर अब राजनीतिक दलों की बयानबाजी शुरू हो चुकी है।
इस मामले में देश के गृह मंत्री अमित शाह का भी बयान आया है। उन्होंने कहा है कि इस घटना की वजह से मुझे अपना असम द्वारा छोड़ना पड़ा। जिन जवानों ने इस नक्सली हमले में अपना खून बहाया है। उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी।
दरअसल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आजकल पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के प्रचार में व्यस्त चल रहे हैं।
ऐसे में छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले के चलते मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है।
इस मामले में सीपीआई नेता कन्हैया कुमार ने भी भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “बाप गृहमंत्री-बेटा बीसीसीआई सेक्रेटरी, बाप किसान-बेटा जवान। बेशर्म सत्ता से पूछिए कि कितने मंत्रियों के बच्चे फ़ौज में शामिल होते हैं?
कायराना नक्सली हमले में लहू देश के आम लोगों का बहता है और कुर्सीजीवी इसका फ़ायदा उठाते हैं, देश को ये साज़िश समझना होगा। वीर जवानों व किसानों को नमन!”
बाप गृहमंत्री-बेटा बीसीसीआई सेक्रेटरी
बाप किसान-बेटा जवान
बेशर्म सत्ता से पूछिए कि कितने मंत्रियों के बच्चे फ़ौज में शामिल होते हैं?
कायराना नक्सली हमले में लहू देश के आम लोगों का बहता है और कुर्सीजीवी इसका फ़ायदा उठाते हैं
देश को ये साज़िश समझना होगा
वीर जवानों व किसानों को नमन!— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) April 5, 2021
दरअसल कन्हैया कुमार एक किसान परिवार से आते हैं। वामपंथी विचारधारा से जुड़े होने के कारण भाजपा नेताओं द्वारा कन्हैया कुमार को नक्सली और माओवादी बताया जाता है।
हिंदूवादी संगठनों और भाजपा समर्थकों द्वारा जेएनयू में कथित राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के कारण कन्हैया कुमार को जेल में भी रखा गया था।
विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा ने नक्सलवाद और माओवाद का मुद्दा सिर्फ चुनावी प्रचार के लिए रखा है। इसलिए इसे खत्म करने के लिए कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।