छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले ने राज्य भर में सनसनी मचा दी है। इस नक्सली हमले में सेना के कई जवान शहीद हुए हैं और कई गंभीर तौर से घायल हैं।
इस हमले में नक्सलियों द्वारा देसी रॉकेट लॉन्चर और एलएमजी का इस्तेमाल किए गए हैं।
बताया जाता है कि इस नक्सली हमले की खुफिया खबर बीते हफ्ते ही मिल गई थी। इस नक्सली हमले से 5 दिन पहले सरकार को किसी बड़ी वारदात होने की इनपुट मिली थी।
छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले को लेकर मोदी सरकार सवालों के कटघरे में आ गई है।
दरअसल तृणमूल कांग्रेस के नेता और सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर लिखा है कि “भाजपा सरकार और माननीय गृहमंत्री जामिया और जेएनयू में काल्पनिक नक्सलियों के बारे में चिंता करने में व्यस्त हैं।
वे भूल रहे हैं कि हमें वास्तव में छत्तीसगढ़ में वास्तविक नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए एक नीति की आवश्यकता है।”
@BJP govt & Hon’ble HM so busy worrying about imaginary naxals in Jamia & JNU they’ve forgotten we actually need a policy to counter the real ones in Chattisgarh
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) April 4, 2021
दरअसल साल 2014 के बाद केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है। तब से जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी और जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों को निशाना बनाया जाता रहा है।
खास तौर पर भाजपा नेता और हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता जेएनयू को नक्सली और माओवादियों का अड्डा बताते रहते हैं।
वामपंथी संगठनों से जुड़े कई छात्र नेताओं को देशद्रोही और राष्ट्रविरोधी करार देकर जेलों में भी डाला जा चुका है।
गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन में भी प्रदर्शनकारियों को नक्सली और माओवादी करार दिया जा चुका है।
छत्तीसगढ़ में अक्सर नक्सलवादियों और सेना के जवानों के बीच झड़प की खबरें सामने आती रहती हैं। लेकिन मोदी सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम उठाने की बजाय छात्रों को नक्सली ठहरा कर उन्हें प्रताड़ित करती है।