लखीमपुर खीरी हिंसा को हुए अभी कुछ दिन ही बीते है कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए केंद्र सरकार के साल भर चलने वाले अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे।

इस जश्न पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री मोदी पर जोरदार निशाना साधा है।

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “बोलना ही नहीं, चुप रहना भी राजनीति है। प्रधानमंत्री की चुप्पी की राजनीति पर कौन बोलेगा?

अगर प्रधानमंत्री लखनऊ में जश्न मनाने की बजाय ग़म के आंसू पूछने लखीमपुर जाते, मंत्री और उनके बेटे पर कार्रवाई करते तो उनके बेशर्म प्रवक्ताओं को उनके बचाव में कुतर्क गढ़ने की ज़रूरत नहीं पड़ती”।

केंद्र सरकार के इस कार्यक्रम की चौतरफा कड़ी निंदा की जा रही है। सभी विपक्षी नेताओं ने दिन के लिए निर्धारित कार्यक्रमों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है।

बता दें कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर केंद्र सरकार के साल भर चलने वाले अभियान के तहत प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ पहुंचे।

उन्होंने तीन दिवसीय अर्बन कॉन्क्लेव इवेंट ‘आज़ादी@75 – न्यू अर्बन इंडिया: ट्रांसफॉर्मिंग अर्बन लैंडस्केप’ कॉन्फ्रेंस-कम-एक्सपो का उद्घाटन किया, जिसका आयोजन यूपी के शहरी विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।

मोदी ने लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हो रहे कॉन्क्लेव का दौरा किया।

इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।

वहीं रविवार को लखीमपुर खीरी जिले में हिंसक झड़पों के दौरान किसानों और एक स्थानीय पत्रकार सहित आठ लोगों की मौत पर राज्य और अन्य जगहों पर तनाव का माहौल है।

जहां अन्य विपक्षी पार्टियो के नेता लखीमपुर में जाकर पीड़ितों के परिवारजनों से मिलने का प्रयास कर रहे है,

वहीं कुछ किलोमीटर दूर केंद्र सरकार आजादी के 75 साल पूरे होने जश्न मना रही है। ऐसे में सवाल उठना तो लाजमी है।

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