केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हठधर्मिता करते हुए जल्दबाजी में किसानों से जुड़े तीन महत्वपूर्ण कानून बिना चर्चा किए बना दिये। अब दिल्ली से लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के किसानों का आंदोलन बड़ा रूप लेता जा रहा है।
एक तरफ किसान कानून वापस करवाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। तो दूसरी तरफ किसानों ने सरकार की किसी शर्त को मानने से इनकार कर दिया है।
इस बीच गुरुवार को केंद्र के साथ होने वाली बैठक से पहले किसानों ने बहुत बड़ा ऐलान कर दिया है।
‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि, “कल होने वाली बैठक में किसान नेता द्वारा कृषि कानूनों की खामियों बिंदुवार सरकार के को सामने रखेंगे।”
सबसे महत्वपूर्ण 5 दिसंबर को देश के सभी गाँवों में पीएम नरेंद्र मोदी, मुकेश अम्बानी और गौतम अडानी के पुतले दहन किये जाएंगे।
इसीलिए पूरे देश की निगाहें गुरुवार को सरकार के साथ किसानों की होने वाली बैठक पर हैं।