रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनाने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा की तीखी आलोचना की है।

गहलोत ने कहा कि क्‍योंकि गुजरात के चुनाव आ रहे थे। वे घबरा चुके थे कि हमारी सरकार गुजरात में नहीं बनने जा रही है मेरा ऐसा मानना है कि रामनाथ कोविंदजी को बनाया (राष्‍ट्रपति) जातीय समीकरण बैठाने के लिए और आडवाणी साहब छूट गए।

दरअसल रामनाथ कोविंद देश के दूसरे राष्ट्रपति है जो दलित समुदाय में आने वाले हैं और कोली जाति से ताल्‍लुक रखते हैं। इस बयान के अपने सियासी मतलब निकाले जा रहें है मगर चुनाव के वक़्त में नेता अपनी बात रखने से पीछे नहीं हट रहें है चाहे वो बात विवादित ही क्यों ना हो।

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राष्ट्रपति चुनाव के वक़्त ये कयास लगाए जा रहे थे कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्णा अडवाणी भी राष्ट्रपति बनने की रेस में है। मगर फिर एनडीए की तरफ से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया। कोविंद को 65 फ़ीसदी से ज़्यादा वोट मिले और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार को करीब 34 फ़ीसदी मिले थे।

राष्ट्रपति पद के लिए चुने जाने से पहले रामनाथ कोविंद बिहार के राज्यपाल पद पर थे। कोविंद राष्ट्रपति भवन में प्रणव मुखर्जी की जगह लेते हुए भारत के 14वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी

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