‘मदरसे नाथूराम गोडसे के स्वभाव वालों या प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी शख्सियतों को पैदा नहीं करते। पहले घोषित करें कि नाथूराम गोडसे के विचारों का प्रचार करने वाले लोकतंत्र के दुश्मन घोषित किए जाएंगे, आतंकवादी गतिविधियों के लिए दोषी करार दिए गए लोगों को इनाम नहीं दिया जाएगा।’
ऐसा कहना है रामपुर के सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान का जिन्होंने ‘मदरसा’ शिक्षा के आधुनिकीकरण कार्यक्रम पर अपना बयान दिया। मोदी सरकार ने देश के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों के लिए अगले पांच वर्ष का खाका खींच दिया है।
उन्होंने ये भी कहा कि धार्मिक पढाई मदरसे का हिस्सा है और कई मदरसों में इंग्लिश हिंदी और मैथ भी पहले से पढ़ाया जाता रहा है। अगर आपको कुछ सुधार के साथ साथ मदद करनी ही है तो उसका स्तर सही करिए मदरसों के लिए नई ईमारत बनवाए उन्हें मिड डे मिल दीजिए।
Azam Khan, SP: Religious teachings are imparted at madrasas. At the very same madrasas, English, Hindi & Maths are taught. This has always been done. If you want to help, improve their standard. Build buildings for madrasas, provide them furniture & midday meal facility. (11.06) pic.twitter.com/ElxM5c7Crl
— ANI UP (@ANINewsUP) June 11, 2019
सरकार ने तय किया है कि देश भर के मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए मदरसा शिक्षकों को विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों से प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। ताकि वे मदरसों में मुख्यधारा की शिक्षा-हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर आदि दे सकें।
मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में विकास की सेहत को सांप्रदायिकता एवं तुष्टीकरण की बीमारी से मुक्ति दिलाकर सेहतमंद समावेशी सशक्तिकरण का माहौल तैयार किया है। नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास के संकल्प से भरपूर है।
भले ही मोदी सरकार के इस कदम पर आजम खान निशाना साध रहे हो। मगर कई लोगो ने सरकार के इस फैसले का स्वागत भी किया है। आजम खान का ये कहना की प्रज्ञा सिंह ठाकुर जैसी शख्सियतों को पैदा नहीं करते। इसमें उन्होंने प्रज्ञा ठाकुर के सांसद चुने जाने को लेकर निशाना साधा।
बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी प्रज्ञा ठाकुर ज़मानत पर बाहर हैं, और पिछले ही माह वह भोपाल से BJP की सांसद चुनी गई हैं। पूरे प्रचार अभियान के दौरान वह अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहीं, जिनमें नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताने वाला बयान भी शामिल था