टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपने बेबाक बयानों और सत्ताधारी पार्टी के तानाशाही रवैयों का खुल के खंडन करने के लिए जानी जाती हैं।
महुआ मोइत्रा ने अपने ताजा ट्वीट में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए इमरजेंसी को याद किया है।
दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर इंदिरा सरकार द्वारा लगायी गई इमरजेंसी के बारे में लिखा, “आपातकाल के काले दिन कभी नहीं भूले जाएंगे”
नरेंद्र मोदी के इस ट्वीट को ही घेरते हुए महुआ मोइत्रा ने लिखा, “प्रधानमंत्री मोदी ट्वीट करते हैं कि, ‘आपातकाल के काले दिन कभी नहीं भूले जाएंगे।
हां सर, आपके सरकार सुनिश्चित कर रही है कि वो हमें हर दिन आपातकाल याद दिलाती रहे।”
PM tweets “dark days of Emergency can never be forgotten”
Yes, Sir, your government making sure to remind us every single day!
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) June 26, 2021
महुआ मोइत्रा का मोदी सरकार के कार्यकाल को आपातकाल कहने का ये कोई पहला वाक्या नहीं है।
हिंदुस्तान टाइम्स ने 8 फरवरी 2021 को प्रकाशित एक खबर में लिखा कि महुआ मोइत्रा ने नागरिकता संशोधन कानून के संदर्भ में मोदी सरकार पर अघोषित आपातकाल लगाने वाली सरकार कहा है।
इससे पहले भी कांग्रेस के कई नेताओं ने नरेंद्र मोदी पर अघोषित आपातकाल लगाने की बात कही है।
देश में जब जब कलाकारों, कार्टूनिस्ट, लेखकों, छात्रों, किसानों और मजदूरों ने अपनी हक की बात उठायी है, मोदी सरकार उन्हें उन पर फर्जी मुकदमें चलाती है, उन्हें गिरफ्तार करवाती है।
कैसी खबरें जनता तक पहुंचेगी, अखबारों में छपने वाली खबरों पर भी नजर रखना, पत्रकारों पर मुकदमे होना, हिंसा होना, गिरफ्तारियां होना सब इंदिरा द्वारा लगाये गए आपातकाल में आम था। आज भी वही हो रहा है। बस आपातकाल का नाम नहीं है।
जनसत्ता में 2016 में छपे एक लेख के कांग्रेस प्रवक्ता टॉम वडक्कन का बयान लिखा है, “मौजूदा शासनकाल में संविधान के लिए अनादर, चुनी हुई सरकारों को गिराकर लोकतंत्र का दमन, असहमति के अधिकार को छीनने की प्रवृत्तियां हैं।”
वडक्कन ने अघोषित आपातकाल के उदाहरण देते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र रोहित वेमुला की मौत, जेएनयू विवाद, पेरियार अंबेडकर स्टडी सर्कल को लेकर आईआईटी चेन्नई में हुआ विवाद और एफटीआईआई विवाद तक का नाम लिया।
खैर ये 2016 की बात थी। 2021 में इन उदाहरणों की लिस्ट हर दिन लंबी होती जा रही है।
2020 फरवरी में हुए दिल्ली दंगों में फर्जी मुकदमे दायर करके उमर खालिद, शरजील इमाम जैसे तमाम छात्र नेताओं को मोदी सरकार ने जेल में साल भर से बंद कर रखा है।
महुआ मोइत्रा का ट्वीट कम शब्दों में ही नरेंद्र मोदी की सरकार के तानाशाही चेहरे पर वार किया है।