केंद्र सरकार और माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के बीच चल रहे विवाद में अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भी एंट्री हो चुकी है। ममता बनर्जी ने ट्विटर का पक्ष लेते हुए मोदी सरकार पर तीखा प्रहार किया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाए हैं कि वह ट्विटर को अपने कंट्रोल में करना चाहती थी।

लेकिन जब ट्विटर पर कंट्रोल पाने में मोदी सरकार असमर्थ साबित हुई। इसलिए अब ट्विटर को तबाह करने की कोशिश की जा रही है।

जिस तरह से उन्होंने हमारी सरकार को तबाह करने की कोशिश की थी। जब वह मुझे कंट्रोल नहीं कर पाए। इसलिए भाजपा को रोकना जरूरी है।

मीडिया से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मैं इसके लिए मोदी सरकार की निंदा करती हूं।

बता दे, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोदी सरकार की कड़ी आलोचक मानी जाती हैं। जोकि कई मुद्दों पर अक्सर मोदी सरकार को घेरती रही हैं। अब उन्होंने ट्विटर मामले में भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल मामला कुछ यूं है कि आईटी नियमों का पालन ना करने के चलते ट्विटर ने भारत में अपनी कानूनी सुरक्षा खो दी है। अब ट्विटर पर भारत में थर्ड पार्टी गैरकानूनी कंटेंट के लिए आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

दरअसल आईटी एक्ट की धारा 79 के तहत ट्विटर को भारत में लीगल प्रोटेक्शन दिया गया था। जो कि अब नहीं रहेगा।

इस मामले में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि सोशल मीडिया के जरिए ट्विटर देश के कानून की अनिवार्य प्रक्रिया को लागू करने से इनकार कर यूजर्स की शिकायतों को दूर करने में भी नाकाम रहा है।

बीते दिनों ही मोदी सरकार ने ट्विटर को नोटिस जारी किया था। जिसमें उसे नए आईटी नियमों के तत्काल अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया था।

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