संसद से पिछले दिनों पास हुए नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ देश में कड़ा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पूर्वोतर भारत के राज्यों में जमकर इस बिल का विरोध चल रहा है। वहीं उतर भारत के राज्यों में भी इस बिल को लेकर लोग सड़क पर विरोध कर रहे हैं।
देश की राजधानी दिल्ली के जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्र पिछले चार दिनों से नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ शान्ति से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। जिन्हे कल दिल्ली पुलिस ने बर्बरतापूर्ण ढंग से उन्हें पीटा है। जिसमे कई छात्र छात्राएं बुरी तरह से घायल हो चुकी है।
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वहीं इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने पहले ही कहा है कि यह बिल बंगाल में लागू नहीं होगा। क्यूंकि यह बिल किसी खास समुदाय को टारगेट कर देश में नफरत फैलाने और समाज को बाँटने वाला बिल है।
वहीं ममता ने कहा, यह बिल संविंधान के खिलाफ है। इस बिल के द्वारा बीजेपी और आरएसएस देश को हिन्दुत्वादी राष्ट्र बनाना चाहती है। इस सीएबी बिल में मुस्लिम समुदाय को एनआरसी कर उनकी नागरिकता छीनने की कोशिश कर सकती है।
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज दोपहर कोलकता में रैली कर रही है। इस असंवैधानिक नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी को लेकर कोलकाता में बड़ी रैली में ममता ने कहा, “एनआरसी और कैब को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम बंगाल में कभी इसकी इजाजत नहीं देंगे। वे किसी वैध नागरिक को यूं ही देश से बाहर नहीं फेंक सकते या उसे शरणार्थी नहीं बना सकते”।
बता दें कि नागरिकता संशोधन बिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वीकृति दे दी थी। इस बिल के ज़रिये पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। लेकिन इस बिल से मुस्लिम समुदाय को बाहर रहा गया है। जिसका पुरे देश में लोग और शैक्षणिक संस्थानों के छात्र सड़क पर इसका विरोध कर रहे हैं।