देश के प्रधानमंत्री अक्सर एक कविता पढ़ते हैं कि “मैं देश नहीं मिटने दूंगा, मैं देश नहीं रुकने दूंगा, मैं देश नहीं झुकने दूंगा, मैं देश नहीं बिकने दूंगा” मगर अब PM मोदी धड़ल्ले से देश की संपत्ति बेच रहे हैं।

केंद्र सरकार ने मंत्रालयों को आदेश दिया है कि चिन्हित करें अपने मंत्रालय की संपत्ति ताकि उनका मुद्रीकरण किया जा सके। मुद्रीकरण प्रक्रिया को वापस पटरी पर लाया जा सके, मुद्रीकरण की गति इस वित्तीय वर्ष बजट से काफी कम है।

31 मार्च को समाप्त होने वाली वित्तीय वर्ष 2022-2023 का राष्ट्रीय मुद्रीकरण का लक्ष्य 1.06 लाख करोड़ राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य था। जो की पहले सात महीनों में मुद्रीकरण से केवल 33, 443 करोड़ की ही प्राप्ति हुई है।

केंद्र सरकार को अनुमान है कि नई सम्पति के मुद्रीकरण से सरकार अपने लक्ष्य से बढ़कर 1. 24 लाख करोड़ तक आ सकती है।

सूचना ये भी है कि केंद्र सरकार ने रेलवे, दूरसंचार और पेट्रोलियम समेत कई मंत्रालयों हैं जो कि अपने लक्ष्य से काफी दूर हैं। उन्हें इस दिशा में काम करने को कहा है।

रेलवे को 30,000 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया गया है, जबकि रेलवे का राजस्व लगभग 5000 करोड़ रुपये तक ही पहुंचा है। दूरसंचार मंत्रालय को 20,180 करोड़ रुपये का लक्ष्य था वो 4700 तक की ही सम्पति की बिक्री को अभी तक केवल कागज़ी कार्यवाई तक पहुंचा पाया है।

बात करें पेट्रोलियम मंत्रालय की, तो इस मंत्रालय का लक्ष्य 9,176 करोड़ रुपये राजस्व का था जो की अभी तक केवल 2000 करोड़ रुपये के करीब ही आ पाया है।

ऐसे मंत्रालय जो अपने लक्ष्य तक नहीं पुहंचे है उन्हें नई सम्पति को बेचने के लिए पहचान करने को कहा गया है।

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