पीएम नरेंद्र मोदी को ‘इंडिया के पापा’ घोषित करने वाली मीडिया अब गोदी मीडिया बनकर रह गई है। क्योंकि आज की मीडिया की ज़िद ठीक उसी तरह है जैसे एक बच्चा (बेबी) अपने पापा को ही सबका पापा कहना पसंद करता है। ठीक इसी तरह मीडिया के कुछ फेवरेट विषय हैं जिनपर वो बात करना पसंद करता है।
पाकिस्तान, राम मंदिर, हिन्दू-मुसलमान, कश्मीर, विपक्ष पार्टी और उसके नेता, जिस राज्य में चुनाव आने वाले हों उस राज्य की पार्टी और मुख्यमंत्री आदि।
साथ ही आज की मीडिया को मोदी सरकार की नीतियों, बेरोजगारी, नौकरी, नोटबंदी, देश में छाई मंदी, बीजेपी नेताओं पर बात करना बिल्कुल पसंद नहीं है। इन सभी कामों को करने के लिए देश के कुछ मशहूर पत्रकार दिन रात लगे हुए हैं।
मीडिया की इसी निष्पक्षता पर मध्य प्रदेश के युवा एवं खेल मंत्री जीतू पटवारी ने ट्वीट करके तंज कसा है। उन्होंने लिखा है कि, “सुनने में आ रहा है कि जिस प्रकार बैंकों का आपस में विलय हो रहा है उसी प्रकार मीडिया के कुछ चैनल का भी विलय हो रहा है। खैर होना भी चाहिए क्योंकि इनकी भाषा एक, इसके विचार एक, इनका मुद्दा एक, इनकी समीक्षा भी एक और उपेक्षा एक।”
बता दें कि पिछले दिनों केंद्र की मोदी सरकार ने कई राष्ट्रीय बैंकों का विलय करने की घोषणा की है।
सुनने में आ रहा है कि जिस प्रकार बैंकों का आपस विलय हो रहा है उसी प्रकार मीडिया के कुछ चैनल का भी विलय हो रहा है..।
खेर होना भी जाए क्योंकि
इनकी भाषा एक,
इनके विचार एक,
इनका मुद्दा एक,
इनकी समीक्षा भी एक
और उपेक्षा भी एक..।— Jitu Patwari (@jitupatwari) October 30, 2019
पिछले दिनों देश की अर्थव्यवस्था पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने चिंता ज़ाहिर की। मगर टीवी मीडिया अभी भी इन मुद्दों पर मौन है वो अभी भी पाकिस्तान को चुनौती में देने में व्यस्त है। पीएमसी बैंक के पीड़ित तीन लोग सदमे से मर गए मगर मीडिया चुप है।